Karnataka High Court: आजकल सोशल मीडिया का इस्तेमाल दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा हैं। लोग अपना आधा से ज्यादा समय सोशल मीडिया पर ही बिताते हैं। आपको बता दे कि कर्नाटक HC ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा हैं कि अगर शराब पीने वालों के लिए निर्धारित कानूनी उम्र हो सकती हैं, तो सोशल मीडिया इस्तेमाल करने वालों के लिए कानूनी उम्र क्यों नहीं निर्धारित हो सकती हैं। बता दे कि कर्नाटक HC के जस्टिस ने एक अपील पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की हैं।
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एक्स की याचिका खारिज कर दी
दरअसल, आपको बता दे कि एकल न्यायाधीश ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के विभिन्न आदेशों के खिलाफ एक्स की याचिका खारिज कर दी थी। मंत्रालय ने दो फरवरी 2021 और 28 फरवरी 2022 के बीच सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69ए के तहत 10 सरकारी आदेश जारी किए थे। जिसमें 1474 खातों, 175 ट्वीट, 256 यूआरएल और एक हैशटैग को ब्लॉक करने का निर्देश दिया गया था। ट्विटर ने इनमें से 39 यूआरएल से जुड़े आदेशों को चुनौती दी थी।
स्कूली बच्चों के हित में बात करते हुए कहा
वही जस्टिस जी नरेंद्र ने सोशल मीडिया को लेकर टिप्पणी करते हुए स्कूली बच्चों के हित में बात करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाया जाए। मैं आपको बताऊंगा कि बहुत कुछ अच्छा होगा। आज के स्कूल जाने वाले बच्चे इसके आदी हो गए हैं। मुझे लगता है कि आबकारी नियमों की तरह इसकी भी एक उम्र सीमा तय होनी चाहिए।
इंटरनेट पर भी ऐसी चीजें हटाई जानी चाहिए
जिसके बाद कोर्ट ने आगे कहा कि बच्चे 17 या 18 साल के हो सकते हैं। लेकिन क्या उनमें देश के हित और अहित के बारे में फैसला करने की परिपक्वता रहती है? न केवल सोशल मीडिया पर बल्कि इंटरनेट पर भी ऐसी चीजें हटाई जानी चाहिए। जो मन को सही रास्ते से भटकाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार को सोशल मीडिया के उपयोग के लिए एक उम्र सीमा निर्धारित करने पर भी विचार करना चाहिए।
दरअसल, आजकल बच्चे काफी ज्यादा फोन की इस्तेमाल करने लगे हैं, जिसके कारण वे पढ़ाई से दूर भागते जा रहे हैं। जिस उम्र में बच्चों को पढ़ाई पर ध्यान केंन्द्रित करना चाहिए उस उम्र में वे सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं।
50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया
वही अदालत ने ‘एक्स कॉर्प’ पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। मामले की सुनवाई बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई हैं। जिसके बाद कोर्ट बुधवार को ‘एक्स कॉर्प’ की ओर से मांगी गई अंतरिम राहत पर फैसला करेगी। उसकी अपील की सुनवाई बाद में की जाएगी।