SC: कर्नाटक सरकार ने इस सत्र के कक्षा 5, 8, 9 और 10 के लिए बोर्ड परीक्षा कराने का आदेश जारी किया था। मगर अब सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद कक्षा 8 से 10 की बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम को घोषित रोक लगा दी।
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बगैर मान्यता प्राप्त स्कूलों ने की अपील
इस घोषणा के बाद बगैर मान्यता प्राप्त वाले स्कूल ने एक अपील दायर की। जिसमे उच्च सरकार ने 22 मार्च को फैसला सुनाते हुए सरकार को विभिन्न कक्षाओं के लिए बोर्ड परीक्षा आयोजित कराने की अनुमति दे दी थी। इसके बाद सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी कर्नाटक सरकार के इस शिक्षा मॉडल पर सवाल उठाते हुए कहा कि आप छात्रों को परेशान क्यों कर रहे हैं? ऐसे मॉडल को किसी सरकार ने नहीं अपनाया जिसे आप अपना रहे हो।
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स्कूल के बारे में जाने, उनका गला न घोंटें
आगे कह कि…. यदि आप वास्तव में छात्रों के कल्याण के बारे में चिंतित हैं, तो कृपया अच्छे स्कूल के बारे में जानें। उनका गला न घोंटें ।” इसके बाद कर्नाटक सरकार ने कक्षा 8 से 10 के बोर्ड परीक्षा का परिणाम घोषित करने से रोक दिया। आपको बता दे कि न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने निर्देश दिया कि यदि किसी जिले में परीक्षा आयोजित नहीं की गई है, तो उसे नहीं लिया जाएगा। इसके बाद कामत ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि राज्य सरकार ने राज्य के सात ग्रामीण मंडलों में चालू शैक्षणिक वर्ष में कक्षा 5, 8, 9 और 10 के छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के लिए एसोसिएटेड लाइब्रेरी वापस ले ली है।
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बोर्ड रद्द करने की आधिकारिक घोषणा
इस बीच, स्कूल शिक्षा मंत्री बंग मधुरप्पा ने शुक्रवार को कक्षा 5, 8, 9 और 11 का बोर्ड रद्द करने की आधिकारिक घोषणा की। अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने इन शिक्षा अधिकार अधिनियम के खिलाफ आदेश दिया था। सबंगारप्पा ने बताया कि नई योजना के अनुसार, कक्षा 5, 8 और 9 के छात्रों का योगात्मक आकलन-2 (एसए-2) के माध्यम से मूल्यांकन किया जाएगा, जबकि कक्षा 11 के छात्रों का वार्षिक परीक्षा अध्ययन होगा।
बंगारप्पा ने पिछले सप्ताह कहा था, “इससे पहले, हमने कई परीक्षा सुधार पेश किए थे, जैसे कि एसएसएलसी और II पीयूसी परीक्षाओं के लिए वेब स्ट्रीम लागू करना। बोर्ड परीक्षाओं को लेकर डर और चिंता को कम करने के लिए, कक्षा 5, 8, 9 और 11 के लिए बोर्ड परीक्षाओं की शुरुआत हो चुकी है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में विचार-विमर्श किया जाएगा, और जो भी अंतिम निर्णय आएगा, हम उसकी पूरी तरह से पालन करेंगे।’