Kanpur Blast: कानपुर के सीसामऊ क्षेत्र में गुरुवार को गणेशपार्क के नजदीक जोरदार विस्फोट की आवाज ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी। इस भयानक धमाके की गूंज एक किलोमीटर तक सुनाई दी। घटनास्थल पर धुंआ और अफरा-तफरी का माहौल था। त्योहार की तैयारियों में लगे लोग सब कुछ छोड़कर बाहर आ गए। धमाके के बाद बिजली के तारों पर खून के लोथड़े लटके हुए देख लोगों का दिल दहल गया।
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चारों ओर बिखरे खून के धब्बे
विस्फोट के प्रभाव से करीब 40 मीटर दूरी तक खून के धब्बे और मांस के टुकड़े बिखरे हुए थे। मृतक सुरेंद्र का एक हाथ उड़कर करीब 10 मीटर दूर गणेश पार्क में गिरा। विस्फोट के बाद पूरे इलाके में सन्नाटा पसरा रहा और स्थानीय निवासियों ने भी दीपावली का त्योहार नहीं मनाया।
त्योहार की तैयारियों के बीच मातम में बदली खुशियां
स्थानीय निवासियों के मुताबिक, गुरुवार सुबह सभी लोग दीपावली की तैयारियों में जुटे थे। कोई पूजा की सामग्री जुटा रहा था तो कोई मिठाई और पटाखे खरीदने में लगा था। तभी अचानक हुए धमाके ने त्योहार की खुशियों को मातम में बदल दिया। सुरेंद्र के बच्चों की चीख-पुकार ने हर किसी का दिल दहला दिया।
मंज़र देख कांप उठे लोग
स्थानीय निवासी राजेंद्र नाथ शुक्ला ने बताया कि वे अपने घर पर पूजा की तैयारी कर रहे थे, जब अचानक विस्फोट हुआ। जब वे मौके पर पहुंचे, तो वहां का मंजर दिल दहला देने वाला था। सड़क पर खून और मांस के टुकड़े बिखरे पड़े थे, और बच्चों की चीखें माहौल को और भयावह बना रही थीं।
धमाके के बाद चारों ओर छाया धुआं
सुरेंद्र के बगल में ही किराए पर रहने वाली नूतन ने बताया कि धमाके के बाद धुंए के कारण कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। थोड़ी देर बाद धुंआ छटा तो नीचे जाकर देखा कि सुरेंद्र का शव टुकड़ों में बिखरा हुआ था, और उनकी पत्नी रमिला खून से लथपथ तड़प रही थीं। नूतन ने अपने बेटों को बुलाया और मोहल्ले के लोगों की मदद से रमिला को अस्पताल भेजा गया।
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बहुत ही वीभत्स था दृश्य
सीसामऊ के पार्षद विवेक शर्मा ने बताया कि धमाके की खबर सुनकर वे घटनास्थल पर पहुंचे। वहां का दृश्य भयावह था। सुरेंद्र का शरीर और उनकी पत्नी रमिला विपरीत दिशाओं में गिरे पड़े थे। धमाके से आसपास के मकान तक हिल गए थे, और कुछ समय तक लोगों को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था।
धमाके में जली सुरेंद्र की मोपेड
सूत्रों के अनुसार, सुरेंद्र दीपावली पर इस्तेमाल के लिए सिलिंडर लेकर घर आए थे, जो कि उनकी मोपेड पर रखा हुआ था। धमाके के बाद उनकी मोपेड पूरी तरह से जल चुकी थी। घटनास्थल पर पहुंची फोरेंसिक टीम ने वहां से सबूत जुटाए।
नालियों में बहता दिखा खून और जले हुए नोट
विस्फोट के बाद सुरेंद्र के पास से करीब आठ हजार रुपये मिले, जिनमें से आधे से ज्यादा जल चुके थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ लोग इन जले हुए नोटों को लूटने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन वहां मौजूद महिलाओं ने उन्हें भगा दिया। फोरेंसिक टीम को नजदीकी पार्क के अंदर तक खून और मांस के टुकड़े मिले।
विस्फोट का रहस्य बना सवाल
पुलिस ने विस्फोट को एलपीजी सिलिंडर का फटना बताया है, लेकिन घटनास्थल पर न तो सिलिंडर के अवशेष मिले और न ही एलपीजी गैस की गंध आई। उल्टा, लोगों को बारूद की गंध महसूस हुई। घटनास्थल पर देसी पटाखों के अवशेष भी मिले हैं, जिसे जांच के लिए फोरेंसिक टीम ने लिया है। स्थानीय लोगों में चर्चा है कि सुरेंद्र उन्नाव से देसी पटाखों की बोरियां लेकर आया था। माना जा रहा है कि मोपेड से पटाखों की बोरियां उतारते समय विस्फोट हो गया, जो पटाखों में रखे शक्तिशाली बम के कारण हुआ होगा।
काकादेव में भी छाया भीषण आग का कहर
उधर, कानपुर के ही काकादेव थाना क्षेत्र में देर रात एक घर में भीषण आग लग गई, जिसमें पति-पत्नी समेत तीन लोगों की मौत हो गई। थाना क्षेत्र के पांडू नगर इलाके में रहने वाले संजय श्यामदासानी अपनी पत्नी कनिका और हाउस मेड छवि चौहान के साथ थे। आग लगने के समय ये लोग गहरी नींद में थे और बाहर नहीं निकल पाए।
दीपक से लगी आग ने ली जान
बताया जा रहा है कि मंदिर में रखे दीपक से आग लगी थी, जिसने घर के फर्नीचर को चपेट में ले लिया। दम घुटने से संजय और कनिका की मौत हो गई, वहीं हाउस मेड छवि भी बुरी तरह झुलस गई। पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया, लेकिन अस्पताल में इलाज के दौरान छवि ने भी दम तोड़ दिया।
क्षेत्र में फैली दहशत
इन घटनाओं ने कानपुर के लोगों के दिलों में खौफ पैदा कर दिया है। विस्फोट और आग के बाद पूरे इलाके में सन्नाटा पसरा रहा, और दीपावली जैसे खुशियों के त्योहार को लोग मातम के साथ मनाने पर मजबूर हो गए। सीएफओ दीपक शर्मा ने बताया कि सूचना मिलने पर दो फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंची थीं और काफी मेहनत से आग पर काबू पाया गया। तीनों को अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने पहले दंपती को मृत घोषित कर दिया। इलाज के दौरान तीसरे व्यक्ति की भी मौत हो गई।