Emergency Movie: विवादों में घिरी कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) ने शर्तों के साथ मंजूरी दे दी है। सेंसर बोर्ड ने फिल्म के मेकर्स को कुछ सीन्स हटाने और डिस्क्लेमर जोड़ने का आदेश दिया है। केवल इन शर्तों को पूरा करने के बाद ही फिल्म को UA सर्टिफिकेट मिलेगा और रिलीज की अनुमति दी जाएगी। CBFC ने ‘इमरजेंसी’ के मेकर्स को फिल्म से कुछ विवादित सीन्स हटाने की सलाह दी है। इसके साथ ही, बोर्ड ने फिल्म में दिखाए गए ऐतिहासिक सीन्स पर एक डिस्क्लेमर जोड़ने का भी निर्देश दिया है।
यह डिस्क्लेमर दर्शकों को बताएगा कि फिल्म में दिखाए गए ऐतिहासिक बयानों और दृश्यों की सटीकता को लेकर कोई दावा नहीं किया जा रहा है। फिल्म की रिलीज डेट को भी विवादों के कारण स्थगित किया गया था, जो पहले 6 सितंबर को निर्धारित की गई थी। फिलहाल, फिल्म की नई रिलीज डेट के बारे में कोई जानकारी नहीं आई है।
विवादित ऐतिहासिक बयानों पर उठे सवाल
CBFC ने फिल्म के मेकर्स से विवादित ऐतिहासिक बयानों के सोर्स की मांग की है। ‘इमरजेंसी’ में रिचर्ड निक्सन और विंस्टन चर्चिल द्वारा भारतीयों और भारतीय महिलाओं के प्रति की गई अपमानजनक टिप्पणियों का उल्लेख किया गया है। इनमें रिचर्ड निक्सन द्वारा भारतीय महिलाओं के प्रति की गई आपत्तिजनक टिप्पणी और विंस्टन चर्चिल द्वारा भारतीयों को ‘खरगोशों की तरह प्रजनन करने वाले’ बताने वाली टिप्पणी शामिल हैं।
सीन्स पर कट की मांग
8 अगस्त को भेजी गई एक बदलाव की सूची में, CBFC ने फिल्म के मेकर्स को तीन सीन्स हटाने और दस बदलाव करने का सुझाव दिया। विशेष रूप से, एक सीन को हटाने का आदेश दिया गया है जिसमें पाकिस्तानी सैनिक बांग्लादेशी रिफ्यूजी पर हमला करते हैं। इस सीन में एक सैनिक एक नवजात बच्चे और तीन महिलाओं के सिर को धड़ से अलग कर देता है, जो कि बेहद हिंसक और विवादित है।
अनिश्चित बनी हुई है फिल्म की रिलीज
फिल्म ‘इमरजेंसी’ की रिलीज को लेकर स्थिति अभी भी अनिश्चित बनी हुई है। CBFC की शर्तों को पूरा करने के बाद ही फिल्म की नई रिलीज डेट तय की जाएगी। इस बीच, फिल्म के मेकर्स को विवादित सीन्स के खिलाफ कार्रवाई करने और डिस्क्लेमर जोड़ने की आवश्यकता है। इस प्रकार, कंगना रनौत की इस बहुप्रतीक्षित फिल्म के रिलीज की राह अब भी कई कानूनी और प्रशासनिक अड़चनों से गुजर रही है।
‘इमरजेंसी’ की मंजूरी ने एक बार फिर से फिल्म उद्योग और सेंसर बोर्ड के बीच के जटिल रिश्तों को उजागर किया है। कंगना रनौत की इस फिल्म को लेकर उठे विवाद और सेंसर बोर्ड की शर्तें दर्शाते हैं कि फिल्म उद्योग में सेंसरशिप और ऐतिहासिक बयानों की सटीकता को लेकर कितनी संवेदनशीलता आवश्यक है। फिल्म की रिलीज की दिशा में आगे बढ़ने के लिए मेकर्स को CBFC की शर्तों का पालन करना होगा, और यह देखना दिलचस्प होगा कि वे इस चुनौती का कैसे सामना करते हैं।