कांग्रेस और सरकार के बीच सैटेलाइट स्पेक्ट्रम (Satellite Spectrum) के बीच आवंटन को लेकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाल ही में स्पष्ट किया कि सैटेलाइट स्पेक्ट्रम (Satellite Spectrum) की नीलामी तकनीकी और ऑपरेशनल कारणों के चलते नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि, इन स्पेक्ट्रम की नीलामी करने से जुड़े कुछ जटिल (Complex) मुद्दे हैं, जो इसे लागू करने में समस्याएं पैदा करते हैं।
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Telecom कंपनियां कर रही है अनुरोध
Jio और Airtel जैसी Telecom कंपनियां सरकार से अनुरोध कर रही थीं कि…. सैटेलाइट स्पेक्ट्रम को नीलाम किया जाए, ताकि Telecom सेवाओं के विस्तार और सुधार के लिए आसानी से संसाधन मिल सकें। हालांकि, सरकार ने यह अनुरोध रद्द कर दिया। मगर अब इस फैसले के बाद, कांग्रेस ने इसे राजनीतिक मुद्दा बना दिया और वही सरकार ने भी इस कदम पर सवाल उठा दिए है।
केंद्रीय मंत्री का यह बयान इस विवाद को स्पष्ट करने की कोशिश थी, जिसमें उन्होंने तकनीकी कारणों की ओर इशारा करते हुए बताया कि नीलामी प्रक्रिया को लागू करने में कुछ बाधाएं हैं, जिन्हें दूर करना मुश्किल है।यह स्पष्ट किया कि यह आवंटन नीलामी (ऑक्शन) के बजाय प्रशासनिक प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा। उनका कहना था कि यह प्रक्रिया ‘पहले आओ, पहले पाओ’ की नीतियों से अलग है, और इसके लिए वैज्ञानिक और आर्थिक कारण बताए गए हैं।
उठाए 2G स्पेक्ट्रम घोटाले के मुद्दे
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस द्वारा उठाए गए 2G स्पेक्ट्रम घोटाले के मुद्दे पर भी हमला बोला, जिसमें कहा गया कि, कांग्रेस की अगुवाई वाली UPA सरकार के दौरान हुए इस घोटाले को लेकर कांग्रेस की आलोचना की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने हाल ही में संसद में पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार ने सैटेलाइट कम्युनिकेशन के लिए स्पेक्ट्रम बिना नीलामी के प्रशासनिक तरीके से आवंटित करने का निर्णय लिया है, जो प्रधानमंत्री मोदी के पूर्व के दावों के विपरीत है।इस संदर्भ में, सिंधिया ने सैटेलाइट स्पेक्ट्रम के प्रशासनिक आवंटन को सही ठहराया और इसे नीलामी के बजाय उचित कदम बताया।
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सिंधिया ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश पैर जमकर बरसे
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश के X पोस्ट को री-पोस्ट करते हुए कांग्रेस को जमकर लताड़ा। सिंधिया ने 2G घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि जयराम रमेश ने सही तरीके से बताया कि कांग्रेस ने किस तरह अपनी कब्र खोदी। उन्होंने कहा कि 2G घोटाला देश के इतिहास में एक काले धब्बे के रूप में हमेशा रहेगा, जिसने सरकारी खजाने को 1.76 लाख करोड़ रुपये का नुकसान पहुँचाया और ‘क्रोनी कैपिटलिज्म’ जैसे घृणित गठजोड़ को जन्म दिया।
पहले आओ, पहले पाओ नीति जीसे हुआ बड़ा नुकसान
आगे सिंधिया ने कहा कि…. UPA सरकार के तहत स्पेक्ट्रम आवंटन में ‘पहले आओ, पहले पाओ’ नीति अपनाई गई थी, जिससे बड़ा नुकसान हुआ। इसके विपरीत, मोदी सरकार पारदर्शिता और जनहित को प्राथमिकता देती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं की जा सकती, क्योंकि यह तकनीकी और ऑपरेशनल कारणों से व्यावहारिक नहीं है।
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आवंटन न तो व्यवहारिक है और न ही आवश्यक
सिंधिया ने जयराम रमेश पर निशाना साधते आगे बोले, अगर उन्होंने न्यू टेलीकॉम एक्ट 2023 को पढ़ा होता, तो वे इस तरह के ग़लत निष्कर्ष पर नहीं पहुँचते। उन्होंने बताया कि नए एक्ट के अनुसार, सैटेलाइट स्पेक्ट्रम के KU बैंड और KA बैंड में स्वाभाविक रूप से शेयरिंग की सुविधा है, और इसलिए इन बैंड्स का नीलामी के माध्यम से आवंटन न तो व्यवहारिक है और न ही आवश्यक है।