Jharkhand Election 2024: चुनाव आयोग ने झारखंड और महाराष्ट्र में होने वाले उपचुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इस घोषणा के बाद, विभिन्न राजनीतिक गठबंधनों के बीच सीट बंटवारे को लेकर चर्चा का सिलसिला तेज हो गया है। जानकारी के अनुसार, एनडीए (National Democratic Alliance) में भी सीटों का बंटवारा लगभग तय हो चुका है और अंतिम दौर की बातचीत जारी है।
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सीट बंटवारे की तैयारियाँ तेज
भाजपा (BJP) इस बार अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरने की योजना बना रही है। सहयोगी दलों में जनता दल यूनाइटेड (JDU), आजसू और चिराग पासवान (Chirag paswan) की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) शामिल हैं। इन दलों के बीच सीट बंटवारे पर बातचीत तेजी से आगे बढ़ रही है, और अब यह अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। झारखंड में कुल 81 विधानसभा सीटें हैं, जिन पर चुनाव दो चरणों में होंगे। पहले चरण में 13 नवंबर को 43 सीटों पर वोटिंग होगी, जबकि दूसरे चरण में 20 नवंबर को 38 सीटों पर मतदान होगा। वोटों की गिनती 23 नवंबर को की जाएगी।
भाजपा 69 से 70 सीटों पर लड़ेगी चुनाव
हर राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुट गया है। जहां झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) एक बार फिर सत्ता में वापसी की कोशिश कर रहे हैं, वहीं भाजपा अपने सहयोगियों की मदद से चुनाव जीतने के लिए प्रयासरत है। सूत्रों के मुताबिक, सीट शेयरिंग का फॉर्मूला भी लगभग तय हो चुका है। भाजपा 69 से 70 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि आजसू (AJSU Party) को 9 से 11 सीटें दी जा सकती हैं। भाजपा द्वारा तय की गई रणनीति के अनुसार, वह 69 सीटों पर चुनाव में भाग लेगी। जेडीयू को 2 सीटें और आजसू को 9 सीटें मिल सकती हैं, वहीं चिराग पासवान की पार्टी को एक सीट दी जाने की संभावना है। हालांकि, सहयोगी दल अब भी कुछ और सीटें हासिल करने के प्रयास में हैं, जिसके लिए अंतिम दौर की बातचीत जारी है।
उम्मीदवारों की पहली सूची जल्द जारी होने की उम्मीद
एनडीए (NDA) से जुड़ी पार्टियों का मानना है कि अगर वे एकजुट होकर चुनाव लड़ते हैं, तो उनका प्रदर्शन पिछले चुनावों की तुलना में काफी बेहतर हो सकता है और सरकार बनाने का मौका भी मिल सकता है। इसी क्रम में, 15 अक्टूबर की देर शाम भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक भी हुई, जिसमें संभावित उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की गई। भाजपा की ओर से उम्मीदवारों की पहली सूची अगले कुछ दिनों में जारी होने की उम्मीद है। वहीं, सहयोगी दल भी अपनी चर्चा के बाद अपने-अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर सकते हैं। इस चुनावी माहौल में सभी दल अपनी-अपनी रणनीतियों के साथ मैदान में उतरने की तैयारियों में जुटे हैं।
दिलचस्प रहेगा मुकाबला
झारखंड में उपचुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। भाजपा और उसके सहयोगी दल एक मजबूत रणनीति के साथ चुनावी मैदान में उतरने का प्रयास कर रहे हैं। सीट बंटवारे की जो चर्चा चल रही है, उसमें एकजुटता ही उनकी सबसे बड़ी ताकत बन सकती है। बहरहाल, यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा अपने सहयोगियों के साथ मिलकर कितनी सफल होती है और क्या यह गठबंधन हेमंत सोरेन की पार्टी को चुनौती देने में सक्षम होगा। चुनावी मौसम के साथ-साथ यह राजनीतिक हलचल भी गर्म होती जा रही है, और सभी दल अब अपने अंतिम दौर की तैयारियों में जुट गए हैं।
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