Janmashtami puja mantra: 26 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की खुशी में पूजा-अर्चना की जाती है। भक्तगण इस दिन व्रत रखते हैं और भगवान श्रीकृष्ण की आराधना करते हैं। इस अवसर पर, विशेष पूजा विधि और मंत्र जाप किया जाता है, जिससे जीवन में सुख, सौभाग्य और समृद्धि में वृद्धि होती है। आज हम आपको बता रहे हैं कुछ मंत्र जिनका भगवान के जन्म के वक्त जप करने से आपकी सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं। आइए जानते हैं क्या हैं ये मंत्र।
कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन घर-घर में बच्चों को कान्हाजी के स्परूव में सजाया जाता है। । घर-घर कान्हा जन्म लेते हैं। मान्यता है कि जिस वक्त कान्हाजी जन्म लेते हैं उस घड़ी को शास्त्रों में बहुत ही शुभ माना जाता है। उस वक्त हम मन में जो भी कामना लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं भगवान उसे जल्द सुनते हैं और वह शीघ्र ही पूरी हो जाती है।
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जन्माष्टमी की पूजा विधि कुछ इस प्रकार होती है
- स्नान और शुद्धता : दिन की शुरुआत स्नान करके की जाती है और स्वच्छ वस्त्र पहनने चाहिए।
- पूजा स्थल की तैयारी: घर के मंदिर को अच्छे से सजाना और साफ करना।
- भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र की स्थापना**: भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र को पूजा स्थल पर रखें।
- आरती और भोग : भगवान श्रीकृष्ण को मिठाइयाँ, फल, और विशेष पकवान भोग के रूप में अर्पित करें। फिर आरती करें।
- मंत्र जाप : “ॐ श्री कृष्णाय नमः” या “हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे” जैसे मंत्रों का जाप करें।
- इस दिन उपवास और पूजा से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है और जीवन की कठिनाइयों में राहत मिलती है।
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भगवान श्रीकृष्ण के 108 नाम
- ॐ परात्पराय नमः
- ॐ सर्वग्रह रुपिणे नमः
- ॐ सर्वभूतात्मकाय नमः
- ॐ दयानिधये नमः
- ॐ वेदवेद्याय नमः
- ॐ तीर्थकृते नमः
- ॐ पुण्य श्लोकाय नमः
- ॐ पन्नगाशन वाहनाय नमः
- ॐ परब्रह्मणे नमः
- ॐ नारायणाय नमः
- ॐ दानवेन्द्र विनाशकाय नमः
- ॐ यज्ञभोक्त्रे नमः
- ॐ दामोदराय नमः
- ॐ गीतामृत महोदधये नमः
- ॐ अव्यक्ताय नमः
- ॐ पार्थसारथये नमः
- ॐ बर्हिबर्हावतंसकाय नमः
- ॐ युधिष्ठिर प्रतिष्ठात्रे नमः
- ॐ बाणासुर करान्तकाय नमः
- ॐ वृषभासुर विध्वंसिने नमः
- ॐ वेणुनाद विशारदाय नमः
- ॐ जगन्नाथाय नमः
- ॐ जगद्गुरवे नमः
- ॐ भीष्ममुक्ति प्रदायकाय नमः
- ॐ विष्णवे नमः
- ॐ सुभद्रा पूर्वजाय नमः
- ॐ जयिने नमः
- ॐ सत्यभामारताय नमः
- ॐ सत्य सङ्कल्पाय नमः
- ॐ सत्यवाचे नमः
- ॐ विश्वरूपप्रदर्शकाय नमः
- ॐ विदुराक्रूर वरदाय नमः
- ॐ दुर्येधनकुलान्तकाय नमः
- ॐ शिशुपालशिरश्छेत्रे नमः
- ॐ कृष्णाव्यसन कर्शकाय नमः
- ॐ अनादि ब्रह्मचारिणे नमः
- ॐ नाराकान्तकाय नमः
- ॐ मुरारये नमः
- ॐ कंसारये नमः
- ॐ संसारवैरिणे नमः
- ॐ परमपुरुषाय नमः
- ॐ मायिने नमः
- ॐ कुब्जा कृष्णाम्बरधराय नमः
- ॐ नरनारयणात्मकाय नमः
- ॐ स्यमन्तकमणेर्हर्त्रे नमः
- ॐ तुलसीदाम भूषनाय नमः
- ॐ बृन्दावनान्त सञ्चारिणे नमः
- ॐ बलिने नमः
- ॐ द्वारकानायकाय नमः
- ॐ मथुरानाथाय नमः
- ॐ मधुघ्ने नमः
- ॐ कञ्जलोचनाय नमः
- ॐ कामजनकाय नमः
- ॐ निरञ्जनाय नमः
- ॐ अजाय नमः
- ॐ सर्वपालकाय नमः
- ॐ गोपालाय नमः
- ॐ गोवर्थनाचलोद्धर्त्रे नमः
- ॐ पारिजातापहारकाय नमः
- ॐ पीतवसने नमः
- ॐ वनमालिने नमः
- ॐ वनमालिने नमः
- ॐ यादवेंद्राय नमः
- ॐ यदूद्वहाय नमः
- ॐ यादवेंद्राय नमः
- ॐ परंज्योतिषे नमः
- ॐ इलापतये नमः
- ॐ कोटिसूर्यसमप्रभाय नमः
- ॐ योगिने नमः
- ॐ गोपगोपीश्वराय नमः
- ॐ तमालश्यामलाकृतिये नमः
- ॐ उत्तलोत्तालभेत्रे नमः
- ॐ यमलार्जुनभञ्जनाय नमः
- ॐ तृणीकृत तृणावर्ताय नमः
- ॐ धेनुकासुरभञ्जनाय नमः
- ॐ अनन्ताय नमः
- ॐ वत्सवाटिचराय नमः
- ॐ योगिनांपतये नमः
- ॐ गोविन्दाय नमः
- ॐ शुकवागमृताब्दीन्दवे नमः
- ॐ मधुराकृतये नमः
- ॐ त्रिभङ्गिने नमः
- ॐ षोडशस्त्रीसहस्रेशाय नमः
- ॐ मुचुकुन्दप्रसादकाय नमः
- ॐ नवनीतनटनाय नमः
- ॐ नवनीतविलिप्ताङ्गाय नमः
- ॐ सच्चिदानन्दविग्रहाय नमः
- ॐ नन्दव्रजजनानन्दिने नमः
- ॐ शकटासुरभञ्जनाय नमः
- ॐ पूतनाजीवितहराय नमः
- ॐ बलभद्रप्रियनुजाय नमः
- ॐ यमुनावेगासंहारिणे नमः
- ॐ नन्दगोपप्रियात्मजाय नमः
- ॐ श्रीशाय नमः
- ॐ देवकीनन्दनाय नमः
- ॐ सङ्खाम्बुजायुदायुजाय नमः
- ॐ चतुर्भुजात्तचक्रासिगदा नमः
- ॐ हरिये नमः
- ॐ यशोदावत्सलाय नमः
- ॐ श्रीवत्सकौस्तुभधराय नमः
- ॐ लीलामानुष विग्रहाय नमः
- ॐ पुण्याय नमः
- ॐ वसुदेवात्मजाय नमः
- ॐ सनातनाय नमः
- ॐ वासुदेवाय नमः
- ॐ कमलनाथाय नमः
- ॐ कृष्णाय नमः
- ॐ ॐ अनंताय नमः