Terror Attack in Bandipur: जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले में सेना के 14 राष्ट्रीय राइफल्स (RR) कैंप पर आतंकी हमले की खबर है। तीन से चार आतंकियों के एक समूह ने अचानक कैंप पर फायरिंग शुरू कर दी। ड्यूटी पर तैनात सतर्क जवानों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की और फायरिंग का जवाब दिया। मौजूदा स्थिति को संभालने के लिए सेना के साथ-साथ विशेष ऑपरेशन ग्रुप (SOG) पुलिस और सीआरपीएफ (CRPF) के जवानों ने भी मोर्चा संभाल लिया है। इलाके में आतंकियों की तलाश के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चल रहा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि तीन से चार आतंकियों के इलाके में छुपे होने की आशंका है, जिनका पता लगाने के लिए प्रयास जारी हैं।
लगातार बढ़ रहीं आतंकी गतिविधियां
पिछले कुछ दिनों में जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। आतंकियों ने पिछले हफ्ते प्रवासी मजदूरों और सेना के जवानों को अपना निशाना बनाया। बगगाम जिले में शुक्रवार को आतंकियों ने दो प्रवासी मजदूरों पर हमला किया। इन मजदूरों की पहचान 20 वर्षीय उस्मान मलिक और 25 वर्षीय सूफियान के रूप में हुई, जो उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले हैं। उस्मान को हाथ में गोली लगी, जबकि सूफियान के पैर में चोट आई। दोनों घायल मजदूरों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। यह हमला आतंकी घटनाओं की बढ़ती कड़ी का हिस्सा है, जिससे प्रवासी मजदूरों और सुरक्षाकर्मियों में भय का माहौल है।
सीमा पार से घुसपैठ की बढ़ती कोशिशें
सेना के वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि सीमा पार आतंकी शिविरों में करीब 50 से अधिक आतंकी मौजूद हैं, जो जम्मू क्षेत्र में घुसपैठ का प्रयास कर रहे हैं। दस इन्फैंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग, मेजर जनरल समीर श्रीवास्तव ने कुछ दिन पहले अखनूर सेक्टर में मुठभेड़ के दौरान तीन आतंकवादियों के मारे जाने के बाद बयान दिया था कि सेना पूरी तरह सतर्क है और किसी भी आतंकी प्रयास को सफल नहीं होने देगी। मेजर जनरल श्रीवास्तव ने कहा कि सेना आतंकियों को किसी भी स्थिति में नागरिकों को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं देगी और घुसपैठ की किसी भी कोशिश का पूरी मुस्तैदी से मुकाबला करेगी।
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अखनूर सेक्टर में मुठभेड़ के दौरान तीन आतंकियों को किया ढेर
जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर के पास वन क्षेत्र में मंगलवार को सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ के दौरान दो आतंकियों को मार गिराया, जिससे कुल मारे गए आतंकियों की संख्या तीन हो गई। यह मुठभेड़ 27 घंटे तक चली और सुरक्षा बलों ने क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए पूरा ऑपरेशन किया। अधिकारी के अनुसार, घुसपैठ की रूपरेखा हर साल के साथ बदलती जा रही है, खासकर बर्फबारी के समय। सुरक्षा बल आने वाली चुनौतियों के प्रति पूरी तरह तैयार हैं और हर हाल में आतंकियों की साजिशों को नाकाम करने का संकल्प लिया है।