Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यूटी स्थापना दिवस समारोह से दूरी बनाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) और उनकी सरकार पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि इस समारोह से दूरी बनाना दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे विरोधियों का दोहरा चरित्र सामने आता है। उपराज्यपाल सिन्हा (LG Sinha) ने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर वर्तमान में एक केंद्र शासित प्रदेश (UT) है और सभी को इस सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जब जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा पुनः मिलेगा, तब भी उत्सव मनाया जाएगा।
स्थापना दिवस समारोह का किया बहिष्कार
यूटी स्थापना दिवस के मौके पर नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और उनकी पार्टी के अन्य नेताओं ने समारोह से दूरी बनाए रखी। उमर अब्दुल्ला की पार्टी समेत अन्य क्षेत्रीय दलों, कांग्रेस और सीपीएम ने भी इस कार्यक्रम में भाग नहीं लिया। उनका कहना है कि वे जम्मू-कश्मीर को दोबारा राज्य का दर्जा देने की मांग पर अड़े हैं, और इसी मुद्दे पर विरोध दर्ज करने के लिए उन्होंने इस समारोह में हिस्सा नहीं लिया।
‘उपयुक्त समय पर राज्य का दर्जा बहाल होगा’: उपराज्यपाल सिन्हा
उपराज्यपाल सिन्हा ने अपने भाषण में कहा कि भारतीय संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेने वालों द्वारा यूटी दर्जे का विरोध करना विरोधाभास है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर को लेकर किए गए अपने वादों पर काम कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि परिसीमन प्रक्रिया और विधानसभा चुनाव कराने की दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं और उचित समय पर राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा।
जल्द ही कराए जाएंगे पंचायत चुनाव
उपराज्यपाल ने यह भी घोषणा की कि जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव जल्द कराए जाएंगे, जो पिछड़े वर्गों के आरक्षण में देरी के चलते रुके हुए थे। इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि जल्द ही जम्मू-कश्मीर में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा, जिससे पांच लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा और प्रदेश की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।
राज्य के दर्जे की बहाली पर अड़े उमर और महबूबा
स्थानीय राजनीतिक दलों की ओर से यूटी स्थापना दिवस समारोह से दूरी बनाए रखने का कारण उनका विरोध है। नेशनल कांफ्रेंस की ओर से इस दिन को “जम्मू-कश्मीर के लोगों का अपमान” करार दिया गया। नेशनल कांफ्रेंस के प्रवक्ता ने कहा कि उनकी पार्टी अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद से ही राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग कर रही है। उनका कहना है कि यूटी का दर्जा स्वीकार्य नहीं है और वह जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के अपने वादे पर कायम हैं।
महबूबा मुफ्ती ने कहा, “काला दिन”
पीडीपी प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी यूटी स्थापना दिवस को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे जम्मू-कश्मीर के लिए “काला दिन” करार दिया और कहा कि यूटी का दर्जा राज्य को वंचित करने वाला निर्णय है। उन्होंने कहा कि यह फैसला विकास की दिशा में नहीं है, बल्कि जम्मू-कश्मीर को कमजोर करने का प्रयास है।
जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के बयान और स्थानीय दलों के विरोध के बीच यह मुद्दा और भी गरमा गया है। अब देखना यह है कि राज्य का दर्जा बहाल करने की दिशा में केंद्र सरकार क्या कदम उठाती है, और क्षेत्रीय दल अपने संघर्ष में कितनी मजबूती से आगे बढ़ते हैं।