Jammu and Kashmir Assembly Elections: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। इस सूची में भाजपा ने 44 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की, जिसमें किश्तवाड़ विधानसभा सीट से शगुन परिहार का नाम प्रमुख रूप से शामिल है। शगुन परिहार, जो दिग्गज नेता अनिल परिहार की भतीजी हैं, को किश्तवाड़ से टिकट दिया गया है। शगुन ने इस अवसर पर कहा कि उन्हें विश्वास है कि किश्तवाड़ के लोग उन्हें खुले दिल से स्वीकार करेंगे और यह चुनाव उनके परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि उन सभी परिवारों के लिए है जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। शगुन ने भावुक होते हुए कहा, “मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकती, मैं बहुत भावुक हूं।”
लिस्ट जारी होते ही हुई विवाद की स्थिति
भाजपा ने सोमवार को पहले 44 उम्मीदवारों की सूची जारी की, लेकिन कुछ ही समय बाद इस सूची को रद्द कर दिया गया और कहा गया कि जल्दी ही दूसरी सूची जारी की जाएगी। इसके तुरंत बाद पार्टी ने 15 प्रत्याशियों की नई सूची भी जारी की। अब तक बीजेपी ने कुल 15 उम्मीदवारों की घोषणा की है। इस हड़कंप के बीच पार्टी के कई बड़े नेताओं ने नाराजगी जताई है और भाजपा कार्यालय के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
10 मुस्लिम उम्मीदवार और 2 कश्मीरी पंडित
पहली सूची में भाजपा ने जम्मू-कश्मीर के चुनावी रण को और रोमांचक बनाने के लिए 10 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है। यह कदम लोकसभा चुनाव 2024 में कश्मीर में किसी को नहीं उतारने के बाद उठाया गया है। इसके अलावा, दो कश्मीरी पंडितों को भी चुनावी मैदान में उतारा गया है। भाजपा की इस रणनीति को चुनावी समीक्षकों द्वारा खासा महत्व दिया जा रहा है, क्योंकि यह पार्टी के व्यापक दलित और मुस्लिम वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश का हिस्सा माना जा रहा है।
शगुन परिहार का परिवारिक कनेक्शन
शगुन परिहार, भाजपा के दिग्गज नेता अनिल परिहार की भतीजी हैं, जिनकी हत्या हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकियों द्वारा की गई थी। इस हमले में शगुन के पिता की भी जान चली गई थी। अनिल परिहार एक सक्रिय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) सदस्य थे और भाजपा में अपनी विशेष पहचान रखते थे। उनके कार्यकाल के दौरान भाजपा को अपने इलाके में मजबूत किया, लेकिन उनकी हत्या ने पार्टी को एक बड़ा झटका दिया।
पार्टी की आंतरिक नाराजगी
भाजपा की सूची जारी करने के बाद पार्टी में आक्रोश की लहर देखी गई। कई नेताओं ने पार्टी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन और नारेबाजी की। जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना ने आश्वस्त किया कि नाराज नेताओं से बातचीत की जाएगी और कोई भी साथी नाराज नहीं रहेगा। उन्होंने यह भी बताया कि पार्टी जल्द ही दूसरी सूची जारी करेगी और कुछ स्वतंत्र उम्मीदवारों से भी बातचीत की जा रही है।
चुनाव की तारीखें और मतदान की प्रक्रिया
धारा 370 हटाए जाने के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव की तारीखें 16 अगस्त को घोषित की गई थीं। मतदान तीन चरणों में होगा— 18 सितंबर, 25 सितंबर, और 1 अक्टूबर को। मतगणना 4 अक्टूबर को होगी। भाजपा द्वारा जारी की गई पहली सूची और उसके बाद की घटनाओं ने जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनावों को एक नया मोड़ दे दिया है। शगुन परिहार की एंट्री और पार्टी के आंतरिक विवाद इसे एक महत्वपूर्ण चुनावी मुकाबला बना रहे हैं।