Jammu and Kashmir Election Results: जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनावों (haryana assembly elections) की मतगणना के बीच, कांग्रेस मुख्यालय पर सुबह से ही जश्न का माहौल देखा जा रहा है। कांग्रेस समर्थक ढोल-नगाड़ों पर नाचते हुए और पार्टी के झंडे लहराते हुए नजर आ रहे है। हरियाणा में भी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस की जोरदार वापसी की उम्मीद जताई जा रही है, जबकि जम्मू-कश्मीर में इंडिया ब्लॉक की बढ़त (Jammu-Kashmir Election Results) से कांग्रेस (Congress) को और ताकत मिल रही है।आपको बता दें कि,जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का चुनाव पूर्व गठबंधन केंद्र शासित प्रदेश में आगे चल रहा है।
जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के चुनाव पूर्व गठबंधन ने अच्छा प्रदर्शन किया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने घोषणा की है कि “उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री बनेंगे।” वर्तमान रुझानों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (BJP) 29 सीटों पर आगे है, जबकि कांग्रेस और एनसी का गठबंधन 49 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। चुनावी नतीजों पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
यह प्रत्याशी हैं मैदान में
90 सीटों पर हुए इस चुनाव में कई प्रमुख प्रत्याशी मैदान में हैं। गांदरबल से उमर अब्दुल्ला (नेशनल कॉन्फ्रेंस) और सरजन अहमद वागे (स्वतंत्र), बिजबेहरा से इल्तिजा मुफ्ती (पीडीपी), सोपोर से ऐजाज़ अहमद गुरु (स्वतंत्र), चन्नपोरा से सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी (जेकेएपी), बडगाम से उमर अब्दुल्ला, बारामूला से मुजफ्फर हुसैन बेग (स्वतंत्र), कुपवाड़ा से सजाद लोन (पीपुल्स कॉन्फ्रेंस), हंदवाड़ा से सज्जाद लोन (पीपुल्स कॉन्फ्रेंस), चौधरी मोहम्मद रमज़ान (एनसी), नगरोटा से देवेन्द्र सिंह राणा (भाजपा), छंब से तारा चंद (कांग्रेस), नौशेरा से रविंदर रैना (भाजपा), बीरवाह से सर्जन अहमद वागे (स्वतंत्र) और सेंट्रल शाल्टेंग से तारिक हमीद कर्रा (कांग्रेस) प्रमुख उम्मीदवार हैं। मतगणना के परिणामों का सभी को बेसब्री से इंतजार है।
इतनी सीटों पर भाजपा की बढ़त
जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों में से भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अब तक 10 सीटें जीती हैं, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की है। एनसी की सहयोगी कांग्रेस को एक सीट और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) को भी एक सीट मिली है। वर्तमान आकड़ों के अनुसार भाजपा 19 सीटों पर आगे चल रही है जबकि एनसी-कांग्रेस गठबंधन 38 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।चुनावी परिणामों पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं इसके अलावा डोडा सीट से आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रत्याशी मेहराज मलिक ने जीत दर्ज की जिससे जम्मू-कश्मीर में AAP का खाता भी खुल गया है।
इस बीच, JKNC प्रमुख फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) श्रीनगर में अपने आवास पर समर्थकों का अभिवादन कर रहे हैं, जहां उनके समर्थक ढोल-नगाड़ों के साथ जश्न मना रहे हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, JKNC-कांग्रेस गठबंधन ने जम्मू-कश्मीर चुनाव 2024 में बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है।
2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 40 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि कांग्रेस को 31 सीटें मिली थीं। जननायक जनता पार्टी (JJP) ने 10 सीटें हासिल की थीं और भाजपा ने जेजेपी के समर्थन से यहां सरकार बनाई थी। उस समय दुष्यंत चौटाला को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। हालांकि बाद में मुख्यमंत्री पद पर नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) के आसीन होने के बाद यह गठबंधन समाप्त हो गया था।
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जम्मू-कश्मीर में इंडिया ब्लॉक का प्रदर्शन
जम्मू-कश्मीर में इंडिया ब्लॉक ने जोरदार प्रदर्शन किया है, जिससे कांग्रेस को नई उम्मीदें मिली हैं। एग्जिट पोल के नतीजे पहले ही इंडिया ब्लॉक के लिए अच्छे संकेत दे चुके थे और शुरुआती रुझान इसी भविष्यवाणी की पुष्टि कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने जोरदार प्रचार किया और भाजपा को कड़ी टक्कर दी। इंडिया ब्लॉक के बेहतर प्रदर्शन से कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हौसले बुलंद हैं और दिल्ली में पार्टी कार्यालय पर जश्न का माहौल है।
कांग्रेस समर्थकों में जश्न का माहौल
दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पर सुबह से ही जश्न शुरू हो गया था। पार्टी समर्थक ढोल की थाप पर थिरकते और मिठाइयां बांटते नजर आए। कांग्रेस के झंडे लहराए जा रहे थे और हरियाणा में हुड्डा के नेतृत्व में सत्ता वापसी की उम्मीद ने कार्यकर्ताओं के जोश को दोगुना कर दिया है। पार्टी कार्यकर्ताओं का मानना है कि,कांग्रेस इस बार हरियाणा में एक मजबूत वापसी कर सकती है जो पिछले चुनावों के नतीजों से कहीं अधिक बेहतर होगी। सीधे तौर पर देखा जाए तो हरियाणा में बीजेपी और कांग्रेस की कांटे की टक्कर देखने को मिल रहीं है।
हरियाणा में हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस की हो सकती मजबूत वापसी
हरियाणा में इस बार कांग्रेस ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) के नेतृत्व में चुनाव लड़ा। एग्जिट पोल के नतीजों में भी कांग्रेस को मजबूत स्थिति में बताया गया जिसमें 90 सदस्यीय विधानसभा वाले राज्य में अधिकतम सीटें जीतने की संभावना व्यक्त की गई हैं। हरियाणा में सत्ता तक पहुंचने के लिए किसी भी पार्टी को 46 सीटों का बहुमत चाहिए और कांग्रेस को उम्मीद है कि,वह इस जादुई आंकड़े को पार कर लेगी।
इस बीच, हरियाणा के कार्यवाहक मुख्यमंत्री और लाडवा विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार नायब सिंह सैनी ने एग्जिट पोल को दरकिनार करते हुए कहा है कि,उन्हें किसी गठबंधन की जरूरत नहीं है और भाजपा अकेले यहां सरकार बनाएगी।उनका दावा है कि,यह भाजपा की लगातार तीसरी ऐतिहासिक जीत होगी।हरियाणा विधानसभा चुनाव में जुलाना (Julana) सीट पर कांग्रेस की उम्मीदवार विनेश फोगाट (Vinesh Phogat Win) ने आम आदमी पार्टी (AAP) की कविता दलाल और भाजपा (BJP) के योगेश बैरागी को हराकर जीत हासिल कर ली है।
भाजपा के खिलाफ बदला राजनीतिक माहौल
हरियाणा के राजनीतिक समीकरणों में इस बार कई बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं जो भाजपा के रुख पर भारी पड़े हैं। राज्य में भाजपा के खिलाफ माहौल बनने के पीछे कई कारण हैं जिनमें से सबसे प्रमुख कारण किसानों का विरोध प्रदर्शन रहा।निरस्त किए जा चुके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ राज्यभर में जाट समुदाय के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए जिसका सीधा असर भाजपा के वोटबैंक पर पड़ा है।इसके अलावा 2014 में भाजपा द्वारा पंजाब के खत्री समाज से आने वाले मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाए जाने से राज्य के जाट समुदाय में नाराजगी देखी गई थी।इस निर्णय को कई जाट नेताओं और जनता ने राजनीतिक असंतुलन के रूप में देखा जिसका असर आज के चुनावी रुझानों में भी देखने को मिल रहा है।
जम्मू-कश्मीर में भाजपा के लिए बढ़ी चुनौती
हरियाणा में भाजपा (BJP) के सामने इस बार कई चुनौतियां हैं। किसानों का आंदोलन, जाट समुदाय की नाराजगी और राज्य में बदलते राजनीतिक समीकरणों ने भाजपा की स्थिति को कमजोर किया है।इसके बावजूद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का दावा है कि,भाजपा अकेले दम पर सरकार बनाएगी।हालांकि,रुझानों को देखते हुए यह साफ है कांग्रेस मजबूत स्थिति में है और भाजपा को सत्ता में बने रहने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी।
जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में चुनावी परिणामों के रुझान कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक के पक्ष में जाते दिख रहे हैं। हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस सत्ता वापसी के करीब है जबकि जम्मू-कश्मीर में भी इंडिया ब्लॉक का प्रदर्शन उम्मीदों के अनुसार रहा है। भाजपा के लिए यह चुनावी मुकाबला एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है और आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि,क्या भाजपा अपनी सत्ता बरकरार रख पाती है या कांग्रेस अपनी रणनीति के बल पर सत्ता में वापसी करती है।