NEET UG: कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Congress leader Jairam Ramesh) ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि एनसीईआरटी (NCERT ) अब एक पेशेवर संस्थान नहीं रहा, बल्कि सत्तारूढ़ पार्टी का एक राजनीतिक उपकरण बन गया है। जयराम रमेश की यह टिप्पणी राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) 2024 में ‘ग्रेस मार्क्स’ की गड़बड़ी के लिए एनसीईआरटी को दोषी ठहराए जाने के संदर्भ में सामने आया है।
एनटीए पर निशाना
जयराम रमेश ने कहा कि आरोप- प्रत्यारोप का खेल एनटीए (NTA) द्वारा अपनी घोर विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए खेला जा रहा है। उन्होंने एक पोस्ट में लिखा कि, “यह सच है कि एनसीईआरटी अब एक पेशेवर संस्था नहीं रही है। यह 2014 से आरएसएस से संबद्ध संस्था के रूप में काम कर रही है।”
राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक पर विवाद
उन्होंने यह भी कहा कि एनसीईआरटी (NCERT) की संशोधित कक्षा 11 की राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक धर्मनिरपेक्षता के विचार की आलोचना करती है और साथ ही इस विषय में राजनीतिक दलों की नीतियों की भी आलोचना करती है। रमेश ने आगे कहा कि, “दोषारोपण का खेल केवल एनटीए द्वारा अपनी विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए किया जा रहा है।”
छात्रों का विरोध
देश भर के छात्रों ने 2024 NEET-UG परीक्षा से जुड़े मुद्दों का घनघोर विरोध किया है, जिसमें पेपर लीक और ‘ग्रेस मार्क्स’ के आवंटन की बात शामिल है। एनटीए ने घोषणा की कि ‘ग्रेस मार्क्स’ पाने वाले 1,563 उम्मीदवारों के स्कोरकार्ड रद्द कर दिए जाएंगे और इन उम्मीदवारों को 23 जून को फिर से परीक्षा देने का मौका मिलेगा, जिसके नतीजे 30 जून तक आने की उम्मीद है। बहुत से छात्रों द्वारा 5 मई की परीक्षा के दौरान पेपर लीक के कारण NEET-UG 2024 के नतीजों को वापस लेने और नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं।
कौन है जयराम रमेश?
जयराम रमेश ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में सचिव, कर्नाटक योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष, राजस्थान विकास परिषद के सदस्य और छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के आर्थिक सलाहकार के रूप में कार्य किया। यही नहीं वह राज्यसभा में कर्नाटक राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले संसद सदस्य भी रह चुके हैं। जुलाई 2011 में जयराम को भारत के केंद्रीय मंत्रिपरिषद में पदोन्नत किया गया था और उन्हें ग्रामीण विकास मंत्री और नए पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय का मंत्री (अतिरिक्त प्रभार) नियुक्त किया गया।