Jaipur blast case:जयपुर, 8 अप्रैल 2025: 2008 में जयपुर में हुए भयावह सीरियल ब्लास्ट के मामले में आखिरकार न्याय का चश्मा लगा। जयपुर की स्पेशल कोर्ट ने इस घटना के चार दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह फैसला 17 साल बाद आया है, जब 13 मई 2008 को हुए इस दिल दहला देने वाली घटना में 71 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी और 180 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।
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घटना की भयावहता और प्रभाव
13 मई 2008 को जयपुर में हुए सीरियल ब्लास्ट ने पूरे शहर को दहला दिया था। इस दिन कुल 8 बम धमाके हुए थे, जो जयपुर के विभिन्न प्रमुख इलाकों में किए गए थे। इन धमाकों में 71 लोगों की जान चली गई थी और 180 लोग घायल हो गए थे। यह घटना न केवल जयपुर बल्कि पूरे देश के लिए एक काले दिन के रूप में याद की जाती है, जिसने न केवल शोक की लहर पैदा की बल्कि भारतीय समाज में सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ गंभीर सवाल भी खड़े किए।
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आरोपियों की पहचान और दोषी करार
इस मामले में चार आरोपियों को दोषी ठहराया गया था, जिनमें शाहबाज, सरवर आजमी, मोहम्मद कैफ और एक अन्य व्यक्ति शामिल थे। 04 अप्रैल 2025 को इन चारों आरोपियों को अदालत ने दोषी करार किया और अब 08 अप्रैल को कोर्ट ने सजा सुनाई है। चारों दोषियों को जयपुर की स्पेशल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, जो यह दर्शाता है कि इस घटना को अंजाम देने वाले आतंकवादियों को कानून की पकड़ से बचने का कोई रास्ता नहीं था।
कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला
अदालत ने इस मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए आरोपियों को कड़ी सजा देने का फैसला लिया। सजा का एलान करते हुए अदालत ने यह भी कहा कि इस प्रकार की जघन्य घटनाओं को अंजाम देने वालों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि समाज में भय और आतंक फैलाने की कोशिश करने वालों को सबक मिल सके।
17 साल बाद इंसाफ
यह फैसला उन परिवारों के लिए राहत लेकर आया है, जिन्होंने अपने प्रियजनों को इस ब्लास्ट में खो दिया था। 17 साल का लंबा समय अदालत में चल रहे मामले और जांच की प्रक्रिया में बीता, लेकिन आखिरकार न्याय हुआ। अब, इन दोषियों को लंबे समय तक कारावास में रहकर अपने कृत्य की सजा भुगतनी होगी।इस फैसले ने न केवल आतंकवाद के खिलाफ एक कड़ा संदेश दिया है, बल्कि यह भी साबित किया कि भारत की न्याय व्यवस्था किसी भी अपराधी को नहीं बख्शेगी, चाहे वह कितना ही शक्तिशाली क्यों न हो।