Israel–Hezbollah War: इस्राइल (Israel) और हिज्बुल्लाह के बीच चल रहे तनाव के बीच हिज्बुल्लाह (Hezbollah) के नए प्रमुख शेख नईम कासिम (Sheikh Naeem Qassim) ने पदभार संभालते ही इस्राइल को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, “इस्राइल को हमारी जमीन से बाहर निकलना होगा, और अगर वे नहीं माने, तो उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।” अपने पहले भाषण में ही उन्होंने इजरायल को अपने इरादों से अवगत करा दिया। कासिम ने इस्राइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू को सीधे चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन्होंने अपनी जीत का दावा किया, तो हम इसे उनकी हार में बदल देंगे।
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हसन नसरल्लाह की रणनीति को आगे बढ़ाने की खायी कसम
शेख कासिम ने यह भी स्पष्ट किया कि वे अपने पूर्ववर्ती हसन नसरल्लाह (Hassan Nasrallah) की रणनीतियों का पालन करेंगे। उन्होंने कहा, “मेरा काम करने का तरीका नसरल्लाह के तरीके की ही तरह है। हमने उनके साथ जो दिशा-निर्देश तय किए हैं, उसी राह पर हमारी जीत तय है।” कासिम का यह बयान यह स्पष्ट करता है कि हिज्बुल्लाह अपने सैन्य और राजनीतिक मोर्चों पर कोई समझौता नहीं करने वाला है और उनका संघर्ष इस्राइल के खिलाफ जारी रहेगा।
गाजा के समर्थन को बताया अहम
अपने संबोधन में कासिम ने गाजा के लोगों के प्रति समर्थन को एक ‘फर्ज’ बताया और कहा कि यह समर्थन केवल फिलिस्तीन (Palestine) के लिए ही नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। उन्होंने हमास नेता याह्या सिनवार की प्रशंसा करते हुए उन्हें “नायक” बताया, जिन्होंने अंतिम सांस तक फिलिस्तीन के लिए संघर्ष किया। कासिम ने जोर देकर कहा, “गाजा का समर्थन इस्राइल के खिलाफ हमारे क्षेत्र की सुरक्षा के लिहाज से अत्यधिक महत्वपूर्ण है।” उनके इस बयान से यह साफ है कि हिज्बुल्लाह का संघर्ष केवल लेबनान तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका मकसद पूरे क्षेत्र की सुरक्षा है।
ईरान के साथ संबंधों पर दी सफाई
ईरान के साथ हिज्बुल्लाह के संबंधों पर चल रही चर्चाओं को लेकर कासिम ने खुलासा किया कि संगठन अपनी जंग अपने लिए लड़ता है, और ईरान केवल समर्थन करता है, बदले में कुछ नहीं चाहता। उन्होंने कहा, “इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान हमारा समर्थन करता है, लेकिन वह हमसे कुछ नहीं चाहता। हमारी लड़ाई अपनी जमीन की हिफाजत और फिलिस्तीनी भाइयों के समर्थन के लिए है।” उनके इस बयान ने यह स्पष्ट किया कि हिज्बुल्लाह की विचारधारा और सैन्य रणनीति स्वतंत्र है और ईरान का केवल समर्थन है, न कि कोई निर्देश।
सीजफायर प्रस्ताव पर शेख कासिम का रुख
शेख कासिम ने इस्राइल के संभावित सीजफायर प्रस्ताव पर भी अपना रुख साफ किया। उन्होंने कहा कि हिज्बुल्लाह इस्राइल से संघर्ष खत्म करने की याचना नहीं करेगा। हालांकि, उन्होंने संकेत दिया कि अगर इस्राइल संघर्ष को खत्म करना चाहता है, तो वे इसे मानने को तैयार हैं, लेकिन इसके लिए वे किसी तरह की ‘इल्तिजा’ नहीं करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर इस्राइल खुद से यह कदम उठाना चाहता है तो हिज्बुल्लाह इसे मंजूरी देगा, लेकिन वे खुद कभी सीजफायर की पेशकश नहीं करेंगे।
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इस्राइल-हिज्बुल्लाह तनाव के बीच बनता जा रहा क्षेत्रीय संकट
इस्राइल और हिज्बुल्लाह के बीच की यह लड़ाई न केवल दोनों के बीच का मुद्दा है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र को एक संकट में डाल सकती है। एक तरफ जहां इस्राइल अपने सुरक्षा हितों को लेकर सक्रिय है, वहीं हिज्बुल्लाह अपनी आंतरिक और बाहरी राजनीतिक विचारधारा के चलते इस संघर्ष को नए स्तर पर ले जा रहा है। शेख कासिम का पद संभालते ही इस्राइल के प्रति आक्रामक रुख इस बात का संकेत है कि आने वाले समय में मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ सकता है।
इस्राइल और हिज्बुल्लाह के बीच यह तकरार केवल लेबनान और इस्राइल तक सीमित नहीं है। गाजा में हमास और पूरे क्षेत्र के सुरक्षा समीकरणों पर इसका सीधा असर पड़ सकता है। शेख कासिम ने जिस तरह से अपने पूर्व नेता नसरल्लाह की रणनीति को आगे बढ़ाने की बात कही है, उससे यह साफ है कि संघर्ष की यह आग जल्द ठंडी होती नहीं दिख रही। आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या दोनों पक्ष किसी समझौते पर पहुंच पाते हैं या फिर यह टकराव और बढ़ेगा।