Israel Hezbollah War: ईरान (Iran) के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई (Ayatollah Ali Khamenei) ने इज़राइल (Israel) पर बैलिस्टिक मिसाइल (Ballistic missile) हमले के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से शुक्रवार की नमाज का नेतृत्व किया। तेहरान (Tehran) की ग्रैंड मस्जिद में हजारों की संख्या में लोगों की मौजूदगी में उन्होंने मुस्लिम दुनिया से एकजुट होने का आह्वान किया। अपने भाषण में खामेनेई ने इज़राइल के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि “दुश्मन के मंसूबे पस्त होंगे” और अगर इज़राइल हमला करता है, तो ईरान पीछे नहीं हटेगा।
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दुनिया के मुसलमानों से एकजुट होने की अपील
खामेनेई (Khamenei) ने अपने संबोधन में कहा कि मुस्लिम देशों को अफगानिस्तान (Afghanistan), यमन (Yemen), ईरान (Iran), गाजा (Gaza) और लेबनान (Lebanon) तक अपनी रक्षा के लिए कमर कसनी होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि ईरान हिज़्बुल्लाह (Hezbollah) के साथ है और इज़राइल को कड़ा जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “अगर इज़राइल हमला करेगा तो हम भी पीछे नहीं हटेंगे।”
ईरानी नेता ने फिलिस्तीन और इज़राइल के बीच चल रहे संघर्ष पर भी टिप्पणी करते हुए फिलिस्तीनी (Palestinians) संघर्ष को पूरी तरह वैध बताया और कहा कि फिलिस्तीन को अपनी जमीन वापस लेने का पूरा अधिकार है। उन्होंने मुस्लिम समुदाय से एकजुट होकर फिलिस्तीन की मदद करने की अपील की और कहा, “ईरान से लेकर लेबनान तक, हमें दुश्मनों के खिलाफ एकजुट रहना होगा।”
अमेरिका और उसके सहयोगियों पर किया तीखा हमला
खामेनेई ने अपने भाषण में अमेरिका और उसके सहयोगियों की नीतियों की भी कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि अमेरिका का आचरण दुनिया के हित में नहीं है और वह मुस्लिम देशों के खिलाफ षड्यंत्र रच रहा है। उन्होंने 7 अक्टूबर को फिलिस्तीन द्वारा की गई कार्रवाई को जंग का हिस्सा बताया और इसे उचित करार दिया। साथ ही, ईरानी बलों द्वारा उठाए गए कदमों को भी वैध बताते हुए कहा, “हम अपनी सुरक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाएंगे और इसमें कोई समझौता नहीं करेंगे।”
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हिज़्बुल्लाह और फिलिस्तीन का किया समर्थन
खामेनेई के संबोधन के दौरान मस्जिद में हिज़्बुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह (Hassan Nasrallah) का बड़ा पोस्टर लगाया गया था, और नमाजियों ने हिज़्बुल्लाह के समर्थन में नारे लगाए। कई लोगों ने नसरल्लाह और ईरानी सैन्य नेता कासिम सुलेमानी के पोस्टर भी थामे हुए थे। यह मिसाइल हमला नसरल्लाह और ईरान से जुड़ी प्रमुख हस्तियों की मौत का बदला बताया जा रहा है। ईरानी मिसाइल हमले में लगभग 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं, जो नसरल्लाह की हत्या के जवाब में की गई कार्रवाई थी।
“फिलिस्तीन का बचाव जायज़, उनके संघर्ष का समर्थन भी जायज़”
खामेनेई ने फिलिस्तीन के संघर्ष को जायज़ ठहराते हुए कहा कि फिलिस्तीनी लोगों को अपनी जमीन वापस लेने और अपनी स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनियों का बचाव करना न केवल जायज है, बल्कि उनकी मदद करना भी एक कर्तव्य है। उन्होंने कहा, “फिलिस्तीनियों को उस दुश्मन के खिलाफ खड़े होने का हक है, जिसने उनकी जमीन पर कब्जा कर रखा है और उनके जीवन को बर्बाद कर दिया है। हम उनकी लड़ाई का समर्थन करते हैं और इसे धार्मिक और नैतिक रूप से जायज मानते हैं।”
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मुस्लिम देशों को एकजुट होने का आह्वान
अपने भाषण में खामेनेई ने दुश्मनों को चेतावनी दी कि उनका ऑपरेशन रूम एक है और वे वहीं से आदेश लेते हैं। उन्होंने कहा कि दुश्मन अगर एक देश से राहत पाता है, तो वह दूसरे देश में चला जाता है। खामेनेई ने स्पष्ट किया कि मुस्लिम दुनिया को इन दुश्मनों के खिलाफ खड़ा होना होगा, चाहे वह फिलिस्तीन हो, लेबनान हो या यमन। उन्होंने कहा, “हमारा दुश्मन केवल एक देश का नहीं है, वह फिलिस्तीन, लेबनान, इराक, मिस्र, सीरिया और यमन का भी दुश्मन है। हमें एकजुट होकर इस दुश्मन का मुकाबला करना होगा।”
“ज़ायोनी शासन के अपराधों का जवाब कम से कम सज़ा थी”
अपने संबोधन के दौरान खामेनेई ने ज़ायोनी शासन के अपराधों का भी जिक्र किया और कहा कि ईरान के सशस्त्र बलों द्वारा की गई कार्रवाई उनके अपराधों के लिए “कम से कम सज़ा” थी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ईरान और उसके सहयोगी इस संघर्ष में पीछे नहीं हटेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो वे और भी कड़ी कार्रवाई करेंगे।
नमाजियों ने लगाए समर्थन के नारे
खामेनेई के इस भाषण के दौरान मस्जिद में जमा हजारों नमाजियों ने उत्साह से उनका समर्थन किया। उन्होंने हिज़्बुल्लाह और फिलिस्तीन के समर्थन में नारे लगाए और लेबनानी व फिलिस्तीनी झंडे लहराए। इस अवसर पर खामेनेई का जोश और दृढ़ संकल्प साफ झलक रहा था, जिससे यह संदेश गया कि ईरान इज़राइल और उसके सहयोगियों के खिलाफ अपने रुख से पीछे हटने को तैयार नहीं है।
संघर्ष की आग में घिरा मध्य पूर्व
अयातुल्ला अली खामेनेई का यह संबोधन ऐसे समय में आया है जब मध्य पूर्व एक बार फिर से बड़े संघर्ष की चपेट में है। फिलिस्तीन और इज़राइल के बीच चल रही लड़ाई ने न केवल इस क्षेत्र को बल्कि पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है। खामेनेई का यह भाषण मुस्लिम दुनिया को एकजुट करने का आह्वान है और यह संकेत भी कि ईरान इज़राइल के खिलाफ अपने रुख में कोई नरमी नहीं बरतेगा। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने शुक्रवार की नमाज का नेतृत्व किया। इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइल से हमले के बाद पहली बार खामेनेई सार्वजनिक सभा में पहुंचे। अपने संबोधन में उन्होंने दुनिया के मुसलमानों से एकजुट होने की अपील की। खामेनेई ने कहा कि दुश्मन के मंसूबे पस्त होंगे।
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