Israel Attack on Iran: ईरान (Iran) और इजराइल (Israel) के बीच चल रहे तनाव ने अब और भी गंभीर रूप ले लिया है। इजराइल ने ईरान के तेहरान (Tehran) समेत कई प्रमुख सैन्य ठिकानों पर बमबारी कर दी है। इजराइल की सेना (IDF) ने इस हमले की पुष्टि करते हुए ट्वीट किया कि ईरान के सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले जारी हैं। यह हमला एक अक्टूबर को इजराइल पर ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल हमले के जवाब में किया गया है। IDF का कहना है कि किसी भी अन्य संप्रभु देश की तरह इजराइल को आत्मरक्षा का अधिकार है, और वह देश और जनता की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा।
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कई महीनों से थी इस हमले की तैयारी
सूत्रों के अनुसार, इजराइल कई महीनों से ईरान पर बड़े हमले की तैयारी कर रहा था। अक्टूबर के पहले हफ्ते में, ईरान ने हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह और अन्य समर्थकों की हत्या के बाद इजराइल पर मिसाइलों की बौछार की थी। इजराइल और ईरान के बीच का यह ताजा तनाव इस घटना के बाद से और अधिक भड़क गया था, और इजराइल ने इसका कड़ा जवाब देने की तैयारी में जुट गया था।
ईरान ने एक अक्टूबर को किया था एयर स्ट्राइक
इजराइल के इंटरनेशनल स्पीकर नदाव शोशानी ने बताया कि ईरान ने 1 अक्टूबर को इजराइल की ओर 20 से ज्यादा मिसाइलें दागीं। ईरान ने इस हमले को हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह और अन्य की हत्या का जवाब बताया था। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच ताजा विवाद ने और गंभीर मोड़ ले लिया। लेबनान (Lebanon) में ईरान समर्थित आतंकी समूह हिजबुल्लाह के साथ भी इजराइल का संघर्ष बढ़ता जा रहा है। जेरिको शहर में हुई इस घटना में एक फिलिस्तीनी नागरिक की मौत हो गई थी, और इसके बाद इजराइल ने ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की घोषणा की थी।
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अमेरिका का बयान
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता सीन सैवेट ने इस घटनाक्रम पर एक बयान जारी करते हुए कहा कि ईरान पर इजराइल के हमले में अमेरिका का कोई समर्थन नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने पहले ही इजराइल के साथ कूटनीतिक सलाह की थी और उसे ईरान के तेल और परमाणु ठिकानों पर हमला न करने का आग्रह किया था। फिलहाल, राष्ट्रपति जो बाइडेन विलमिंगटन, डेलावेयर में हैं और उन्हें हालिया घटनाओं की जानकारी दी जा चुकी है। अमेरिका इस घटनाक्रम पर गहराई से नजर बनाए हुए है।
आतंकवाद के मुद्दे पर भी टकराव
ईरान और इजराइल दशकों से एक-दूसरे के कट्टर प्रतिद्वंदी हैं। इजराइल का आरोप है कि ईरान क्षेत्र में इस्लामिक आतंकी संगठनों को आर्थिक और हथियारों की मदद देता है। गाजा में हमास, लेबनान में हिजबुल्लाह और यमन में हूथी जैसे संगठन इसमें शामिल हैं। ईरान पर आरोप है कि वह इन आतंकी संगठनों को हथियारों और अन्य संसाधनों की आपूर्ति करता है, जबकि ये संगठन इजराइल के खिलाफ जंग छेड़े हुए हैं। इजराइल ने कसम खाई है कि वह जब तक इन आतंकी संगठनों का सफाया नहीं करेगा, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
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मध्य पूर्व में स्थिति और भी जटिल
मध्य पूर्व का यह संघर्ष एक बेहद जटिल मोड़ पर पहुंच गया है। इजराइल और ईरान के बीच के इस टकराव का असर पूरे क्षेत्र पर पड़ सकता है। दोनों देशों के बीच दशकों से तनाव रहा है, और यह संघर्ष अब अधिक तीव्र होता जा रहा है। इजराइल का कहना है कि वह ईरान के खिलाफ अपने बचाव में आगे भी कठोर कदम उठाएगा, लेकिन इस विवाद के चलते क्षेत्रीय स्थिरता को लेकर चिंताएं भी बढ़ गई हैं।
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