Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में बस कुछ ही महीनों का समय बाकी है. ऐसे में भाजपा समेत सभी विपक्षी दलों ने जीत के लिए बनाई रणनीति पर काम करना शुरु कर दिया है. राजनीतिक गलियारों में सियासी सरगर्मियां तेज हो गई है. पक्ष-विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. पीएम मोदी ने सोमवार को संसद में 370 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी की जीत का दावा किया है.लेकिन इस लक्ष्य को हासिल करना इतना आसान नहीं है. बता दे कि संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब प्रस्ताव देते हुए पीएम ने पहली बार लोकसभा चुनाव में सीटों का लक्ष्य सामने रखा है.
विपक्ष ने दावों पर उठाया बड़ा सवाल?
पीएम मोदी का ये बड़ा दावा, फिर क्या था विपक्ष को मौका मिल गया, पीएम मोदी को घेरने का. पीएम मोदी के इस दावे के बाद से विपक्ष ने बयानबाजी शुरु कर दी है. राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने सवाल किया- ईवीएम पहले सेट है क्या? तो कोई इसे सपना बता रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह देश का मिजाज है तो एनडीए को 400 से ज्यादा और बीजेपी को 370 सीटों पर जनता जीत दिलवाएगी.
पीएम मोदी की इस गारंटी का क्या गणित है?
आम चुनाव में भाजपा 435 सीटों पर चुनाव लड़ती आ रही है तो क्या इस बार भाजपा और ज्यादा सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी है. पीएम मोदी की इस गारंटी का क्या कैलकुलेशन है? इसे समझने के लिए पिछले तीन सालों के लोकसभा चुनाव पर नजर डालते है. साल 2009, 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव की बात करें तो 95 सीटें ऐसी हैं, जहां पर भाजपा चुनाव जीत रही है. साल 2014 और 2019 में भाजपा ने 173 सीटों पर जीत हासिल की.
भाजपा की कमजोर सीटों की बात करें तो 199 सीटों पर बीजेपी तीन में से एक भी चुनाव नहीं जीती और ऐसी 309 सीटें हैं, जिन पर कांग्रेस एक भी चुनाव नहीं जीत पाई. इसके अलावा, 76 सीटें ऐसी हैं जिन पर बीजेपी एक लोकसभा चुनाव जीती है और कांग्रेस के खाते में ऐसी 183 सीटें हैं, जिन पर तीन में से 1 चुनाव जीती.
नजर डाले वोट शेयर पर
भाजपा की 224 सीटों की जीत की बात करें तो भी जीत हासिल करना थोड़ा मुश्किल दिखाई दे रही है. साल 2019 में पार्टी 75 फीसदी सीट एक लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से जीती थी, यानी 210 सीटों पर पार्टी की जीत एक लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से दर्ज हुई. सिर्फ 10 सीटें ही ऐसी थीं, जिन पर वह 10 हजार वोटों के अंतर से जीती और 30 सीटों पर 10 से 50 हजार के अंतर से पार्टी को जीत मिली.
लेकिन ऐसा हो सकता है पार्टी को ज्यादा वोटों के अंतर से मिली जीत के आधार पर लगता है कि 2019 वाली सीटें हाथ में रहेंगी और 67 सीटें इसमें और जुड़ जाएंगी. अब सवाल ये उठता है कि 67 सीटें कैसे जुड़ेंगी? इस पर राजनीतिक विशेषकों का मानना है कि अगर 72 सीटों पर बीजेपी का 5 प्रतिशत वोट शेयर बढ़े और विपक्ष का घटे तो 38 फीसदी सीटें बढ़ सकती हैं.
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