EaseMyTrip Share: सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई. निफ्टी (Nifty) और सेंसेक्स (Sensex) दोनों लाल निशान में बंद हुए। शुरुआती कारोबार में निफ्टी ने 23,900 के स्तर तक पहुंचने के बाद दबाव महसूस किया और अंत में 168.50 अंकों की गिरावट के साथ 23,644.90 पर बंद हुआ। सेंसेक्स ने भी 450.94 अंकों की गिरावट के साथ 78,248.13 के स्तर पर कारोबार समाप्त किया। हालांकि, आज के कारोबारी दिन में कुछ प्रमुख कंपनियों के शेयरों पर निवेशकों की नजरें टिकी हुई हैं, जिनमें अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises), आईटीसी और EaseMyTrip शामिल हैं।
अडानी एंटरप्राइजेज की हिस्सेदारी बिक्री
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) ने अपनी सहयोगी कंपनी अडानी विल्मर में 44% हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है। इस हिस्सेदारी की बिक्री दो चरणों में होगी। पहले चरण में, अडानी विल्मर (Adani Wilmar) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी Lence Pte Ltd को हिस्सेदारी बेची जाएगी, जबकि दूसरे चरण में, सार्वजनिक हिस्सेदारी के नियमों का पालन करते हुए बाकी हिस्सेदारी बेची जाएगी। इस फैसले के बाद अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है और निवेशकों की नजर इन पर रहेगी।
आईटीसी का होटल बिजनेस और कैश ट्रांसफर
आईटीसी ने अपने होटल बिजनेस के ग्रोथ और आकस्मिक जरूरतों के लिए 1,500 करोड़ रुपये कैश ट्रांसफर करने का निर्णय लिया है। आईटीसी का होटल बिजनेस 1 जनवरी 2025 को डीमर्ज किया जाएगा, और 6 जनवरी को रिकॉर्ड डेट रखी गई है। डीमर्ज के बाद, आईटीसी होटल्स (ITC Hotels) अपने रेवेन्यू का 8-10% रिन्युअल और प्रोजेक्ट्स में निवेश करेगी। इस फैसले का असर आईटीसी के शेयरों पर देखा जा सकता है, और यह निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर साबित हो सकती है।
EaseMyTrip के प्रमोटर की हिस्सेदारी बिक्री
EaseMyTrip के प्रमोटर और को-फाउंडर निशांत पिट्टी ने अपनी 14.21% हिस्सेदारी बेचने का निर्णय लिया है। यह डील लगभग 780 करोड़ रुपये की हो सकती है, और पिट्टी पहले भी सितंबर में 14% हिस्सेदारी 920 करोड़ रुपये में बेच चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस ब्लॉक डील में कई संस्थागत निवेशक भाग ले सकते हैं। इससे EaseMyTrip के शेयरों में उथल-पुथल मच सकती है, और इस डील के असर से निवेशकों को फायदा या नुकसान हो सकता है।
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स को रक्षा मंत्रालय से बड़ा अनुबंध
इसके अलावा, सरकार से स्वामित्व वाली डिफेंस सेक्टर की कंपनी मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (Mazagon Dock Shipbuilders) को रक्षा मंत्रालय से 1,990 करोड़ रुपये का अनुबंध प्राप्त हुआ है। यह अनुबंध पनडुब्बियों की तकनीक में सुधार करेगा, जिससे वे अधिक समय तक पानी के नीचे रह सकेंगी। इस डील से मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स की स्थिति मजबूत हो सकती है, और इसके शेयरों में निवेशकों का रुझान बढ़ सकता है।आज के कारोबार में इन कंपनियों के शेयरों पर निवेशकों की नजरें टिकी रहेंगी, और इससे शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।