International Tiger Day 2024:आज अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस यानि टाइगर डे है। इस मौके पर टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश में कई आयोजन हो रहे हैं। कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित किए कार्यक्रम में वन और वन्य प्राणियों के संरक्षण में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए वन कर्मियों और अधिकारियों को सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्य प्रदेश को एक बार फिर टाइगर स्टेट बनने की शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि यह हमारा सौभाग्य है कि मध्य प्रदेश सर्वाधिक बाघ वाला प्रदेश है,
जहां बाघों की आबादी बढ़कर 785 पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सात टाइगर रिजर्व हैं और करीब 25 लाख पर्यटक प्रदेश में आ रहे हैं। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश को देश में टाइगर स्टेट का दर्जा हासिल है क्योंकि यहां देश में सबसे ज्यादा 785 बाघ है।
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सीएम मोहन यादव ने दी बधाई
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि मध्यप्रदेश सर्वाधिक बाघ वाला प्रदेश है. प्रदेश में बाघों की आबादी बढ़कर 785 पहुंच गई है। यह प्रदेश के लिये गर्व की बात है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।सीएम यादव ने कहा कि वन्य प्राणियों की सुरक्षा का कार्य अत्यंत मेहनत और परिश्रम का है। समुदाय के सहयोग के बिना वन्य प्राणियों की सुरक्षा संभव नहीं है। वन विभाग और वन्य प्राणियों की सुरक्षा में लगे सभी लोग बधाई के पात्र हैं, जिनके कारण मध्यप्रदेश एक बार फिर टाइगर स्टेट बन गया है।
मुख्यमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर जंगलों में बाघों के भविष्य को सुरक्षित करने और प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए एकजुट होकर कार्य करने का संकल्प लेने का आह्वान किया है।उन्होंने कहा कि बाघों के संरक्षण के लिये संवेदनशील प्रयासों की आवश्यकता होती है जो वन विभाग के सहयोग से संभव हुई है। हमारे प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यानों में बेहतर प्रबंधन से जहां एक ओर वन्य प्राणियों को संरक्षण मिलता है, वहीं बाघों के प्रबंधन में लगातार सुधार भी हुए हैं।
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क्या है अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस का इतिहास?
इस खास दिन को मनाने की शुरुआत साल 2010 में सेंट पीटर्सबर्ग टाइगर समिट (Saint Petersburg Tiger Summit) के दौरान हुई थी।बाघों की विलुप्त होती प्रजाति को रोकने और उनकी रक्षा के लिए समर्पित राष्ट्रों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और संरक्षण समूहों के बीच जागरुकता फैलाने और उन्हें एक साथ लाने के उद्देश्य से ग्लोबल टाइगर इनिशिएटिव (GTI) ने सेंट पीटर्सबर्ग टाइगर समिट का आयोजन किया था। उसी सम्मेलन में 29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाने का फैसला किया गया और तभी से हर साल आज के दिन को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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1994 में हुई प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत
भारत में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत 1 अप्रैल 1973 में हुई थी। वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत वर्ष 1997 से प्रदेश के सभी टाइगर प्रोजेक्ट में टाइगर फाउंडेशन सोसाइटी की स्थापना की गई। राष्ट्रीय स्तर पर बाघों के संरक्षण हेतु प्रोजेक्ट टाइगर योजना 1973 में लागू हुई थी, जबकि मध्यप्रदेश में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत 1994 में कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान से की गई थी।