Himachal Pradesh By-elections: हिमाचल प्रदेश में तीन विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने है. इस समय यहां की देहरा सीट राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है. कांग्रेस ने इस सीट पर कमलेश ठाकुर को प्रत्याशी घोषित करते हुए बड़ा दांव खेला है.कमलेश ठाकुर हिमाचल (Himachal Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी हैं..जिस पर पार्टी ने इस बार भरोसा जताया है. इस सीट पर उनका मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी होशियार सिंह से है. बता दे कि सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर का राजनीति में यह डेब्यू होगा.
Read More: सलमान खान की विरासत संभालने को तैयार अनिल कपूर, जानें इस सीजन में क्या होगा नया..
कांग्रेस ने तीनों सीट पर प्रत्याशी का किया ऐलान
कांग्रेस (Congress) ने हिमाचल (Himachal Pradesh) में 10 जुलाई को होने जा रहे उपचुनाव के लिए तीनों सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. ये सीटें देहरा, हमीरपुर और नालागढ़ हैं. सोमवार को पार्टी ने हमीरपुर से डॉ पुष्पेंद्र वर्मा और नालागढ़ सीट से हरदीप सिंह बावा के नाम का ऐलान किया था.इस उपचुनाव में एक सीट इस समय बहुत ही चर्चा का विषय बनी हुई है..वो है देहरा सीट जहां से कांग्रेस की कमलेश ठाकुर चुनावी मैदान में है.
सुक्खू ने कांग्रेस के निर्णय का किया समर्थन
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी पत्नी को देहरा सीट पर प्रत्याशी बनाने के लिए कांग्रेस(Congress) द्वारा किए गए निर्णय का समर्थन किया है. उन्होंने समर फेस्टिवल के दौरान इस निर्णय का परिचय दिया और कहा कि यह पार्टी का निर्णय है और उन्होंने अपने हाई कमान के आदेशों की अवहेलना नहीं की. उन्होंने यह भी जताया कि देहरा में उनका एक मानवीय और विकास केंद्रित दृष्टिकोण है, और उनकी पत्नी से इस क्षेत्र के प्रगति में सक्रिय भूमिका निभाने की उम्मीद है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने निर्णय साझा करते हुए बताया कि उन्होंने पहले भी लोकसभा चुनाव में और बाद में भी पार्टी के हाई कमान के साथ चुनाव लड़ने का प्रस्ताव इनकार किया था. लेकिन इस बार, जबकि सर्वे में उनकी पत्नी का नाम आया, उन्होंने उन्हें भाग लेने के लिए तैयार किया.
Read More: RSS चीफ मोहन भागवत को लेकर अफजाल अंसारी का बड़ा बयान,कहा -BJPकी हार से संघ डरा
इस सीट पर कभी नहीं जीती Congress
आपको बता दें कि देहरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस (Congress) को कभी भी जीत नहीं मिली. साल 2008 में परिसीमन के बाद यह सीट अस्तित्व में आई और यहां अब तक तीन चुनाव हुए लेकिन किसी भी चुनाव में कांग्रेस को कामयाबी नहीं मिली. 2012 में यहां से बीजेपी के रविंद्र रवि ने जीत दर्ज की. 2017 और 2022 में निर्दलीय उम्मीदवार होशियार सिंह यहां से जीतकर विधानसभा पहुंचे. इस बार वह बीजेपी के टिकट पर मैदान में हैं.