झाँसी संवाददाता : भारत नामदेव
झाँसी : यूपी के जिला झाँसी में इन दिनों बांधों से लेकर नदिया, तालाब सब बढ़ते जलस्तर से उफनाए हुए हैं। खासतौर से बेतवा नदी और छोटी नदियां बांधों से छोड़े जाने वाले पानी के चलते डरावने अंदाज में बह रही है। नदियों, बांधों में आए पानी के सैलाब की परवाह किए बिना जिले के कई ऐसे इलाके हैं ,जहां माता पिता अपने बच्चों को पढ़ने के लिए सकरी नाव का सहारा लेकर अपने बच्चों की जान जोखिम में डालकर उनको बैठाकर विद्यालय भेजने को मजबूर है। पड़ताल में मऊरानीपुर तहसील के बुढ़ाई गांव में कुछ इस तरह की बेबसी, लाचारी बच्चों के माता-पिता में दिखी।
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नाव से स्कूल जाने पर मजबूर है बच्चे
बुढ़ाई गांव के रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि गांव से विद्यालय जाने के लिए मात्र एक रास्ता है और उस पर पानी चल रहा है। ऐसे में जिला प्रशासन के स्तर से एक सकरी सी नाव ग्रामीणों को मुहैया करा दी गई है, साथ ही 5 हजार रुपए महीने पर एक नाव पर एक नाविक को भी तैनात कर दिया है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि इतनी छोटी नाव में बैठने वाले स्कूली बच्चों के डूबने का खतरा हमेशा बना रहता है और कुछ दिन पहले सकरी नाव गहरे तालाब में डूब भी गई थी।
गनीमत रही कि ग्रामीणों ने समय रहते लोगों को डूबने से बचा लिया। वही मजबूरी में नाव में बैठकर पढ़ने के लिए जान जोखिम में डालने वाली नौनिहालों का कहना है कि उनके विद्यालय तक जाने के लिए एक छोटी किश्ती ही अंतिम सहारा है। जिसमें बैठना किसी बड़े जोखिम से कम नहीं है, छोटी नाव से स्कूल जाने और स्कूल से वापस घर जाते समय बहुत डर लगता है। कहीं नाव पलटन न जाए।
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सामने आयी प्रशासन की लापरवाही
वही इस गांव के प्रधान का कहना है कि पिछले कई दशक से इस गांव में हर साल मानसून के सीजन में पानी गांव को घेर लेता है ,जिसके चलते गांव के पास बने तालाब और आसपास की नदियां उफान पर आ जाती है। जिसमें गांव से बाहर निकलने के लिए एक रास्ता बचता है। कई बार जिला प्रशासन से अपील की गई। जिला प्रशासन की तरफ से पानी से घिरे हुए गांव से बच्चों को पढ़ने के लिए या फिर ग्रामीणों को गांव से कहीं जाने के लिए महज एक सकरी नाव देकर जिला प्रशासन ने अपने काम की इतिश्री कर ली । फिलहाल बुराई गांव के ग्रामीण से लेकर बच्चे और ग्राम प्रधान जिला प्रशासन से छोटी नाव में बैठकर गहरे तालाब नदी को पार करने की मजबूरी से निजात दिलाने की अपील की है।