Food Inflation : देश में महंगाई नीचे आने का नाम ही नहीं ले रही है। इस साल गर्मियों में चमकता सूरज आपके पसीने छुड़ाए या ना छुड़ाए, लेकिन महंगाई जरूर आपका तेल निकाल सकती है। सब्जी और फलों के बढ़ते दाम जेब पर डाका डालने के लिए तैयार हैं।
आपको बता दें कि इस समय दाल, प्याज, गेहूं, आलू जैसे रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले खाने के सामानों का सबसे बड़ा हाथ है। रिटेल महंगाई दर घटकर पौने 5 फीसदी पर आने के बावजूद खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई दर 8.69 फीसदी के हाई लेवल पर है, लेकिन हालात आने वाले समय में भी सुधरने के संकेत नहीं दे रहे हैं।
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गर्मी में पसीना छुड़ाएगी महंगाई
वर्तमान में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। अरहर दाल की कीमत 200 रुपये प्रति किलो से अधिक हो गई है। प्याज के निर्यात पर रोक हटाने के बाद, इसकी कीमतें भी 40 से 60 रुपये प्रति किलो के बीच पहुंच गई हैं। गेहूं की कीमतों में भी वृद्धि देखी जा रही है। MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) 2275 रुपये प्रति क्विंटल के मुकाबले, खुले बाजार में गेहूं 2600 रुपये प्रति क्विंटल पर बिक रहा है।
आने वाले दिनों में गेहूं की कीमतें और भी बढ़ सकती हैं क्योंकि सेंट्रल पूल में गेहूं का स्टॉक कम हो गया है। जून में यह स्टॉक 299 लाख टन है, जो पिछले साल 313 लाख टन था। हालांकि रबी की नई फसल आ चुकी है, फिर भी मई महीने में गेहूं समेत सभी अनाज की खुदरा कीमतों में 8.69 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। कमजोर खरीदारी और स्टॉक की कमी के चलते कीमतों में बढ़ोतरी जारी रहने की आशंका है।
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FMCG कंपनियों ने बढ़ाई कीमत!
इस सब के बीच रोजमर्रा के सामान बेचने वाली FMCG कंपनियों ने भी आम लोगों की मुश्किल बढ़ा दी है। बीते दो-तीन महीनों में इन कंपनियों ने फूड और पर्सनल केयर से जुड़े प्रोडक्ट्सन के दाम में 2 से 17 फीसदी तक का इजाफा किया है। यही नहीं टाटा, डाबर और इमामी जैसी कंपनियों ने संकेत दिए हैं कि वो भी अपने प्रोडक्ट के दाम बढ़ा सकती हैं। कंपनियां इसकी मुख्य वजह कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी को बता रही हैं।
एफएमसीजी कंपनियों ने साबुन-बॉडी वॉश के दाम 2 से 9 फीसदी, हेयर ऑयल के 8 से 11 परसेंट और चुनिंदा फूड आइटम्स के 3 से 17 फीसदी तक बढ़ा दिए हैं। ICICI सिक्योरिटीज ने एक नोट में लिखा है कि कंपनियां 2024-25 में औसतन कीमत 1 से 3 फीसदी तक बढ़ा सकती हैं। वहीं नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का मानना है कि FMCG प्रोडक्ट्स की कीमतों के दाम फिर बढ़ सकते हैं।
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मुंबई सबसे महंगा शहर
महंगाई को लेकर ह्यूमन रिसोर्स कंसल्टेंसी मर्सर के एक सर्वे में बताया गया है कि भारत में रहने वाले दूसरे शहरों से आए लोगों के लिए मुंबई सबसे महंगा शहर है। “कॉस्ट ऑफ लिविंग 2024” की सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि मुंबई में पर्सनल केयर, बिजली, यूटिलिटी, ट्रांसपोर्टेशन और किराए के घर का खर्चा काफी अधिक है। इसके साथ ही देश के अन्य महंगे शहरों में नई दिल्ली और बेंगलुरु भी शामिल हैं।
ग्लोबल लेवल पर कॉस्ट ऑफ लिविंग सर्वे में टॉप 5 शहरों की रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसमें हॉन्ग कॉन्ग पहले नंबर पर है, उसके बाद सिंगापुर, ज्यूरिख, जिनेवा और बेसल आते हैं। बर्न, न्यूयॉर्क सिटी, लंदन, नासाउ और लॉस एंजिल्स भी इस सूची में शामिल हैं। हालांकि, भारत का कोई भी शहर दुनिया के टॉप-100 महंगे शहरों में नहीं है। इसका एक कारण यह हो सकता है कि भारतीय शहरों की अर्फोडिबिलिटी (affordability) देसी और विदेशी कंपनियों को आकर्षित कर रही है।