Vegetable Price Hike: सब्जियों की ऊंची कीमत का कारण बारिश होना भी माना जा रहा है। एक रिपोर्ट में बताया गया कि हिमाचल प्रदेश में ज्यादा बारिश होने से सड़कें खराब हो गईं, जिससे बड़े शहरों तक टमाटर पहुंचने में दिक्कत हो रही है। वहीं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मूल्य निगरानी विभाग के अनुसार 7 जुलाई तक टमाटर की औसत खुदरा कीमत 59.87 रुपये प्रति किलो थी, जो कि एक महीने पहले 35 रुपये हुआ करती थी।
यानी दाम 70% से ज्यादा बढ़ गए हैं। देश के कई इलाकों में ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर भी टमाटर 80 से 90 रुपये किलो मिल रहा है. सीईडीए के अनुसार जुलाई की शुरुआत तक देशभर में टमाटर की औसत कीमत 59.88 रुपये प्रति किलो हो गई थी।
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आलू के भी दाम बढ़े..
मई से ही दाम लगातार बढ़ रहे हैं. देश के अलग-अलग इलाकों में टमाटर के दाम अलग-अलग हैं. उत्तर भारत में टमाटर का रेट 50 से 60 रुपये प्रति किलो है. पूर्वोत्तर, पश्चिम और दक्षिण भारत में रेट 60 से 70 रुपये के करीब है. आमतौर पर बारिश के दौरान सब्जियों की कटाई और पैकिंग मुश्किल हो जाती है. यही कारण है कि मानसून के मौसम में सब्जियों के दाम बढ़ जाते हैं.
पिछले साल भी भारी बारिश और बाढ़ के बाद कुछ जगहों पर टमाटर का रेट बढ़कर 350 रुपये किलो तक चला गया था. एक रिपोर्ट के अनुसार टमाटर, प्याज और आलू के दाम बढ़ने से पिछले महीने घर पर बनने वाली सादी सब्जी की थाली 10% तक महंगी हो गई है।
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टमाटर की कीमत में राहत कब मिलेगी?
अभी खरीफ सीजन का टमाटर बाजार में आ रहा है। धीरे-धीरे अगस्त से सितंबर में नई फसल बाजार में आनी शुरू हो जाएगी, इसके साथ ही कीमत में भी गिरावट आने की उम्मीद है। यदि मांग कम होती है और आपूर्ति बढ़ती है तो भी टमाटर का रेट नीचे आ सकता है। पिछले साल की तरह इस बार भी यदि सरकार की तरफ से ओपन मार्केट में सरकारी एजेंसियों के जरिये टमाटर की बिक्री की जाती है तो रेट नीचे आ सकते हैं। सरकार इसके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ा सकती है या टमाटर का आयात कर सकती है। इस कदम से भी कीमत को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
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क्यों महंगा हो रहा है टमाटर
- जानकारों के अनुसार इस साल टमाटर के प्रोडक्शन ज्यादा नहीं हुआ है। भीषण गर्मी की वजह से फूल और फल खराब हो गए जिसकी वजह से उत्पादन भी कम हुआ।
- इसके अलावा माना जा रहा है कि मंडी में टमाटर का सप्लाई भी ज्यादा नहीं हो रहा है। पिछले एक साल से जुलाई और अक्टूबर के बीच टमाटर के दाम आसमान छूते हैं।
- कई क्षेत्र में बरसात के मौसम में टमाटर को उगााया जाता है,लेकिन ज्यादा बारिश की वजह से भी कई बार फसल खराब हो जाती है।