Indira Gandhi Death Anniversary: पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आज पुण्यतिथि है। जिन्हें यह दुनिया आयरन लेडी के नाम से जानती हैं इंदिरा गांधी का जन्म भारत के पहले प्रधानमंत्री प्रयागराज में पंडित जवाहरलाल नेहरू और उनकी पत्नी कमला नेहरू के घर 19 नवंबर 1917 में हुआ था। राजनीतिक परिवार में जन्मी इंदिरा में गजब की राजनीतिक दूरदर्शिता थी। इंदिरा ने महज 11 वर्ष की आयु में ब्रिटिश शासन के खिलाफ बच्चों की वानर सेवा ‘मंकी ब्रिगेड’ का गठन किया, जो भारतीय झंडे बांटते थे और पुलिस की जासूसी करते थे। 1938 में औपचारिक तौर पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुईं और पिता के राजनीतिक कार्यों में उनका हाथ बटांने लगीं।
पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी हम सभी के लिए निर्भयता, दृढ़ संकल्प और कुशल नेतृत्व की मिसाल हैं।
आपने इस देश की एकता और अखंडता के लिए अपना सर्वस्व अर्पण कर दिया।
नमन… pic.twitter.com/9VTkslOpYP
— Congress (@INCIndia) October 31, 2023
सिख अंगरक्षकों द्वारा की गई हत्या
दिवंगत कांग्रेस नेता और भारत की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री की उनके ऑपरेशन ब्लू स्टार के प्रतिशोध में 31 अक्टूबर, 1984 को उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या कर दी गई थी। देश की एकमात्र महिला प्रधामंत्री इंदिरा गांधी को उनके द्धारा किए गए कई सुधारों के लिए भी जाना जाता था। इस मौके पर आज कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शक्ति स्थल पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। वहीं इस दौरान उनके साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित अन्य नेताओं ने भी श्रद्धांजलि दी।
पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में चुनी गई
देश की कई दिग्गज महिलाएं हैं जो नारी शक्ति की मिसाल हैं। इन महिलाओं का जीवन हर किसी के लिए प्रेरणा है। आज के दौर में स्त्री को शिक्षा हासिल करने, सपने देखने, करियर बनाने और आर्थिक तौर पर सशक्त बनने के लिए प्रोत्साहित करने वाली इन्हीं महिलाओं की सूची में एक नाम इंदिरा गांधी का है। इंदिरा गांधी देश की पहली और इकलौती महिला प्रधानमंत्री हैं। इंदिरा गांधी 1959 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष चुनी गई और 1964 में राज्यसभा के सदस्य बनी। वहीं साल 1966 में तत्कालीन प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री के आकस्मिक निधन के बाद उन्हें देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया था।
इंदिरा गांधी आजाद भारत की पहली महिला जिन्होंने सरकार बनाई और पूरे भारत का नेतृत्व किया। आजादी के 76 साल में इंदिरा गांधी के बाद से अब तक देश को कोई महिला प्रधानमंत्री नहीं मिली। बतौर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने कार्यकाल में बहुत दमदार फैसले लिए, जिन्होंने पूरे देश में क्रांति ला दी थी। जवाहरलाल नेहरू की राजनीतिक विरासत को संभालते हुए इंदिरा गांधी ने ‘गूंगी गुड़िया’ के तमगे को हटाया और दमदार महिला के रूप में खुद की पहचान बनाई।
Tribute to Smt. Indira Gandhi ji on her death anniversary.
📍 Shakti Sthal, New Delhi pic.twitter.com/CIEA33yQla
— Congress (@INCIndia) October 31, 2023
परिवार की विरासत की बनी उत्तराधिकारी
जब जवाहर लाल नेहरू का निधन हुआ तो कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारी इंदिरा गांधी के हाथों में आई। वह लाल बहादुर शास्त्री के मंत्रिमंडल में सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहीं। शास्त्री के निधन के बाद उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए दावेदार बनाया गया ताकि नेहरू के उत्तराधिकारी के तौर पर उन्हें राजनीति में उतारा जा सके। उस समय तक उन्हें ‘गूंगी गुड़िया’ समझा जाता था। 1966 में जब इंदिरा गांधी को देश की प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिला तब जवाहरलाल नेहरू की राजनीतिक विरासत को संभालते हुए इंदिरा गांधी ने ‘गूंगी गुड़िया’ के तमगे को हटाया और दमदार महिला के रूप में खुद की पहचान बनाई।
इंदिरा गांधी के दमदार फैसले
बैंकों का राष्ट्रीयकरण
1966 में भारत में महज 500 बैंक शाखाएं थीं। आम आदमी बैंक में पैसा जमा नहीं कर पाता था। बैंकों का लाभ हर वर्ग तक पहुंचाने के लिए इंदिरा गांधी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया। उनका यह फैसला देश के विकास में महत्वपूर्ण रहा।
कांग्रेस का विभाजन
कांग्रेस में शामिल कई नेता समझ चुके थे कि इंदिरा गूंगी गुड़िया या साधारण महिला नहीं, राजनीति में उन्हें रोक पाना मुश्किल है। कांग्रेस सिंडिकेट इंदिरा को पद से हटाने की तैयारी करने लगा तो इंदिरा गांधी ने पार्टी का विभाजन करके उस दौर की राजनीति में सबसे दबंग और हिटलरशाही फैसला लिया।
पाकिस्तान से युद्ध और बांग्लादेश की नींव
आजादी के बाद से ही भारत पाकिस्तान के संघर्ष जारी था। पाकिस्तान की कब्जा नीति के कारण बहुत से बंगाली शरणार्थी भारत आने लगे। पाकिस्तान को अमेरिका का समर्थन मिल रहा था लेकिन इंदिरा किसी से नहीं डरी और उन्होंने पूर्वी पाकिस्तान पर हमले का आदेश देते हुए उस इलाके को आजाद कराया और बांग्लादेश के निर्माण में सहयोग दिया।
“Courage is the very foundation of other virtues”
~ Smt. Indira Gandhi
Today, we solemnly remember and pay our humble tribute to Indira Gandhi ji, whose exemplary leadership and dedicated service towards the empowerment of the marginalised is a source of eternal inspiration… pic.twitter.com/nL84LeRJ7E
— Mallikarjun Kharge (@kharge) October 31, 2023
आपातकाल
इंदिरा गांधी के शासनकाल का सबसे बड़ा और विवादास्पद फैसला आपातकाल रहा। 1971 में इंदिरा पर चुनाव में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगा। इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1975 के लोकसभा चुनाव को रद्द कर दिया। इंदिरा पर चुनाव न लड़ने का बैन भी लगा दिया गया। विपक्ष इंदिरा से इस्तीफे की मांग करने लगा। हालांकि इंदिरा गांधी ने विपक्ष और कोर्ट के विरुद्ध जाते हुए देश में आपातकाल लगा दिया। प्रेस की आजादी को रोक दिया गया और कई बड़े फेरबदल किए।
राजनीतिक के अहम निर्णय
1- देश की एकमात्र महिला प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी को उनके द्वारा शुरू किए गए सुधारों के लिए जाना जाता था जैसे कि बैंकों का राष्ट्रीयकरण और शाही परिवारों के प्रिवी पर्स को समाप्त करना.
2- पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध और ऑपरेशन ब्लू स्टार जैसी कई महत्वपूर्ण घटनाओं की अध्यक्षता की।
3- 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध और बांग्लादेश राष्ट्र के निर्माण में भारत की जीत के बाद, गांधी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
4- साल 1975 में एक चुनाव में गड़बड़ी के आरोप में दोषी ठहराए जाने के कारण उन्हें छह साल के लिए राजनीति से प्रतिबंधित करने के बाद उन्होंने देश में आपातकाल लगा दिया। जनता पार्टी की सरकार के पतन के बाद इंदिरा गांधी 1980 में फिर से चुनी गईं।
5- वर्ष 1984 में पंजाब विद्रोह का मुकाबला करने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार के तहत हरमंदिर साहिब पर हमले का आदेश देने के लिए उनकी आलोचना की गई थी।
6- 31 अक्टूबर 1984 को उनके सिख अंगरक्षकों ने इंदिरा गांधी की हत्या कर दी थी। अंगरक्षकों ने इंदिरा गांधी पर 31 गोलियां चलाईं थी, जिनमें से सात उनके शरीर के अंदर रह गईं जबकि 23 उनके शरीर से होकर निकल गईं थी।