लखनऊ संवाददाता- Akhilesh Srivastav
लखनऊ। आईआईए के पूर्व प्रेसिडेंट और वर्तमान संग पूर्व चैप्टर चेयरमैंस बैठक में सम्मिलित इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन लखनऊ चैप्टर के पूर्व चेयरमैन प्रशान्त भाटिया कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास के निकट बने गोल्फ क्लब पहुँचे तो भारतीय परिधान पहनने पर क्लब के प्रबंधकगणों ने कुर्ता पायजामा पहनने पर आपत्ति दर्ज किया।
जिसपर प्रशांत भाटिया ने भारतीय परिधान पहने होने के कारण रोके जाने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। आईआईए के वर्तमान डिविजनल चेयरमैन ने प्रशांत भाटिया के लिए नया लोअर मंगवाया परंतु प्रशांत भाटिया ने इस व्यवस्था का सख्त विरोध दर्ज कराते हुए भारतीय परिधान के सम्मान के लिए लोवर पहनने से इन्कार कर दिया और भारतीय परिधान में ही बैठक में मौजूद रहें।
भारतीय परिधानों पर बैन भारतीय संस्कृति और भारतीयता का अपमान हैं
प्रशांत भाटिया ने कहा कि जब पूरा देश जहां आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है ऐसे समय में किसी क्लब और सार्वजनिक जगह पर भारतीय परिधानों को बैन करना पूर्णतया गलत है और हमारी भारतीय संस्कृति और भारतीयता का अपमान है। भाटिया ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने आज से लगभग 185 वर्ष पूर्व 1939 में विदेशी मित्र के पूछने पर कहा था कि “आपके और हमारी सोच में यह अंतर है कि आपके देश में किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व का आकलन उसके कपड़े से करते हैं, यानी कि आपके देश में चरित्र का निर्माण एक दर्जी करता है,
लेकिन हमारे भारत देश में चरित्र का निर्माण आचार विचार करते हैं” स्वामी विवेकानन्द जी ने तब बताया था कि व्यक्ति की पहचान उसके व्यक्तित्व से होती है ना कि उसके कपड़ों से, दुर्भाग्य से आजादी के 75 वर्षों उपरांत भी हम उनके विचारों को आत्मसात् नहीं कर सकें है।
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प्रदेश की राजधानी में भरतीय परिधानों में रोक दुर्भाग्यपूर्ण
ऐसे समय में जब देश की राजधानी में राजपथ का नाम बदल कर लोकपथ रखा जा रहा है उस कालखंड में भारतीय वेशभूषा को प्रदेश की राजधानी के एक प्रतिष्ठित क्लब द्वारा बैन किया जाना चिराग तले अन्धेरे के समान है। उन्होंने आगे कहा कि हमारे देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने भारतीय परिधान में विदेशों में डंका बजाया। देश के मुखिया आदरणीय नरेंद्र मोदी जी विष्व के सभी देशों में इसी भारतीय परिधान में अपनी संस्कृति को बढ़ावा देते हैं और देश में सबसे बड़े प्रदेश की राजधानी में भरतीय परिधानों में रोक दुर्भाग्यपूर्ण है।
प्रशान्त भाटिया ने कहा कि हमको दासता की मानसिकता से बाहर निकलने के लिए और कितने वर्ष चाहिए? आज पूरा देश अमृत महोत्सव मना रहा है लेकिन अभी भी हम दासता के दंश से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रशान्त भाटिया ने गोल्फ क्लब के अध्यक्ष मुकुल सिंघल को फोन कर क्लब के नियमों में संशोधन कर तत्काल प्रभाव से क्लब के ड्रेस कोड में भारतीय परिधान को सम्मालित करते हुए इस व्यवस्था को दुरुस्त करने हेतु कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है।