फास्ट इंटरनेट की दुनिया में भारत बड़ी ताकत बनने के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। भारत में अब 6G लाने की तैयारी तेज हो गई हैं। सोमवार को टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 6G को लेकर नए एलाइंस की शुरुआत की है। बता दे कि (3 जुलाई) को ‘भारत 6जी एलायंस’ (Bharat 6G Alliance) को लॉन्च कर दिया गया है।
Bharat 6G Alliance Launch: फास्ट इंटरनेट की दुनिया में सबसे बड़ी ताकत बनने के लिए भारत ने एक और कदम आगे बढ़ा दिया है। भारत में टेलीकॉम टेक्नोलॉजी और 6G सर्विस को डेवलप करने के लिए आज (3 जुलाई) ‘भारत 6जी एलायंस’ (Bharat 6G Alliance) को लॉन्च कर दिया गया है। इस दौरान आईटी राज्य मंत्री देवूसिंह चौहान भी मौजूद रहे। 6जी डेवलपमेंट के साथ भारत हाई-स्पीड नेटवर्क की दुनिया में बड़ी ताकत के तौर पर उभरेगा। उन्होंने आगे कहा कि भारत को वर्ष 2030 तक वैश्विक 6जी पेटेंट में 10 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य रखना चाहिए।
क्या है 6G अलायंस से फायदा…
‘भारत 6जी अलायंस’ (B6GA), डॉमेस्टिक इंडस्ट्री, अकेडमिक इंस्टीट्यूशन, नेशनल सिसर्च इंस्टीट्यूशंस और सरकार से सहायता प्राप्त स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशंस का गठबंधन है। B6GA, 6जी विजन डॉक्यूमेंट और आगे के डेवलपमेंट के हिसाब से अपने काम करने की रूपरेखा तैयार करेगा।
देश में 5G की 2.70 लाख साइट तैयार…
उन्होंने कहा कि भारत 6G टेक्नलॉजी में 200 से ज्यादा पेटेंट प्राप्त कर चुका है। ये एलायंस भारत को 2030 तक 6G टेक्नोलॉजी और मैनुफैक्चरिंग में अग्रणी योगदान करने वाला देश बनने में सक्षम बनाएगा। भारत आज विश्व में 3 सबसे बड़े 5G इको सिस्टम में शामिल हो गया है। देश में 5G की 2.70 लाख साइट तैयार हो चुकी हैं।
पीएम ने 6G विजन डॉक्यूमेंट के पेश किया था..
इसी साल मार्च में पीएम मोदी ने 6G विजन डॉक्यूमेंट पेश किया था। इसके साथ ही 6G टेस्ट बेड्स का भी ऐलान किया गया था। दरअसल टेस्ट बेड्स में किसी भी टेक्नोलॉजी को लॉन्च से पहले टेस्ट किया जाता है। ये एक तरह का ट्रायल होता है, जो लॉन्च से काफी पहले किया जाता है।
6G शुरू होने से लोगों की जिंदगी में क्या कुछ बदल जाएगा…
- इसके जरिए ऑटोमिक तरीके से मेट्रो और दूसरी गाड़ियों को बिना ड्राइवर आसानी से ऑपरेट करना संभव होगा।
- वर्चुअल रियलिटी और रोबोट का इस्तेमाल न सिर्फ 6G के आने से बढ़ेगा, बल्कि इस इंडस्ट्री में ग्रोथ की संभावनाएं भी तेजी से बढ़ेंगी।
- 6G लागू होने से दुनिया भर में क्या बदलेगा? इस सवाल के जवाब में नोकिया के CEO पेक्का लंडबर्ग कहते हैं कि 6G के लागू होने के बाद दुनिया भर में स्मार्टफोन का महत्व कम जाएगा। स्मार्टफोन का इस्तेमाल जारी रहेगा, लेकिन लोग इसे नए अपडेटेड फॉर्म में यूज करने लगेंगे।
- उन्होंने कहा, ‘स्मार्टफोन का इस्तेमाल भले ही होते रहेगा, लेकिन हमारे बीच ‘साइबॉर्ग’ और ‘ब्रेन कंप्यूटर’ जैसी टेक्नोलॉजी होगी। ये टेक्नोलॉजी सीधे हमारे शरीर से जुड़ी होगी।’
- ‘साइबॉर्ग’ का मतलब यह है कि चिप्स और दूसरी टेक्नोलॉजी को इंसान के शरीर में फिट किया जा सकता है। पेक्का लंडबर्ग दावा करते हैं कि इस टेक्नोलॉजी के जरिए इंसान के बॉडी पार्ट को किसी मशीन के जरिए रिप्लेस किया जा सकता है।