India Q2 GDP Growth: केंद्र सरकार ने 2024-25 की दूसरी तिमाही (September quarter) के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) की विकास दर के आंकड़े जारी किए हैं. इन आंकड़ों से एक मिलाजुला चित्र उभरकर सामने आया है. सितंबर तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर गिरकर 5.4% पर आ गई है, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह दर 8.1% थी. एक तिमाही पहले, यानी जून तिमाही में यह 6.7% रही थी. इस आंकड़े के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था में इस समय विकास दर में सुस्ती आ रही है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में वृद्धि बनी हुई है.
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सर्विस सेक्टर और निर्माण क्षेत्र में वृद्धि
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, इस तिमाही में सबसे प्रमुख विकास सेवा क्षेत्र (सर्विस सेक्टर) में हुआ है, जहां 7.1% की वृद्धि दर्ज की गई है. यह वृद्धि पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के 6.0% से अधिक है. सेवा क्षेत्र में व्यापार, होटल, परिवहन और प्रसारण सेवाओं जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मजबूती आई है, जो अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है.
इसके अलावा, निर्माण क्षेत्र (कंस्ट्रक्शन सेक्टर) ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है. इस क्षेत्र में 7.7% की वृद्धि हुई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि देश में निर्माण गतिविधियों में तेजी आई है. खासकर, निर्माण क्षेत्र में स्टील की खपत में बढ़ोतरी का योगदान देखा गया है. पहले छह महीनों में (2024-25 की पहली छमाही) निर्माण क्षेत्र में 9.1% की वृद्धि हुई, जो आशाजनक संकेत है. हालांकि, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 2.2% की मामूली वृद्धि दर्ज की गई है, जो अपेक्षाकृत कम है. इसके अलावा, माइनिंग क्षेत्र में 0.1% की गिरावट आई है, जो देश की खनन गतिविधियों में सुस्ती को दर्शाता है.
निजी और सरकारी खर्च में वृद्धि
निजी उपभोग पर खर्च (PFCE) भी इस तिमाही में अच्छी वृद्धि दिखाता है. PFCE ने 6.0% की वृद्धि दर्ज की है, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 2.6% थी. यह वृद्धि एक संकेत है कि देश में उपभोक्ताओं की मांग में सुधार हुआ है और लोग अधिक खर्च कर रहे हैं. इसी तरह, सरकारी उपभोग पर खर्च (GFCE) में भी 4.4% की वृद्धि हुई है, जो पिछली तिमाहियों में इसकी न्यूनतम वृद्धि या नकारात्मक दरों के मुकाबले एक बेहतर संकेत है. कृषि और उससे संबंधित क्षेत्र में भी सुधार देखने को मिला है। इस तिमाही में कृषि क्षेत्र ने 3.5% की वृद्धि दर्ज की, जो पिछले कुछ वर्षों की तुलना में एक अच्छी वृद्धि है. इससे यह पता चलता है कि भारतीय कृषि क्षेत्र में हाल के वर्षों में कुछ स्थिरता और वृद्धि हो रही है.
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अर्थव्यवस्था में सतत विकास की उम्मीदें
हालांकि इस तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर (GDP growth rate) में गिरावट आई है, लेकिन सर्विस सेक्टर और कृषि क्षेत्र में हुई वृद्धि से यह संकेत मिलता है कि कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्र अब भी गति पकड़ने में सफल रहे हैं. इन क्षेत्रों में विकास को देखते हुए, अर्थव्यवस्था के अगले कुछ महीनों में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई जा रही है. सरकारी उपभोग में वृद्धि और सेवा क्षेत्र के प्रदर्शन को देखते हुए, यह संभावना जताई जा रही है कि आने वाले महीनों में अर्थव्यवस्था में सुधार हो सकता है। इसके साथ ही, निर्माताओं और सेवा प्रदाताओं को अपनी गतिविधियों को और बढ़ावा देने की आवश्यकता होगी, ताकि अर्थव्यवस्था को गति मिल सके.
सुधार के लिए और कदम उठाने की आवश्यकता
कुल मिलाकर, यह आंकड़े भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) की विकास गति को लेकर मिश्रित संकेत देते हैं. जहां एक ओर जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट आई है, वहीं कुछ प्रमुख क्षेत्रों ने सुधार दिखाया है. इससे यह साफ होता है कि देश की अर्थव्यवस्था अभी भी कई चुनौतियों का सामना कर रही है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में संभावनाएं बनी हुई हैं.
सितंबर तिमाही के जीडीपी आंकड़े सरकार और नीति निर्माताओं के लिए संकेत हैं कि सुधार के लिए और कदम उठाने की आवश्यकता है. इन आंकड़ों से यह साफ है कि कुछ क्षेत्रों में तेजी बनी हुई है, जबकि कुछ अन्य क्षेत्रों में सुस्ती है. अगर सरकार और अन्य संबंधित पक्ष इन संकेतों पर ध्यान दें, तो भविष्य में अर्थव्यवस्था में सुधार हो सकता है.
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