Paris Paralympics Avani Lekhara Wins Gold:भारत की स्टार पैरा निशानेबाज अवनि लेखरा ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 स्पर्धा के फाइनल में स्वर्ण पदक जीतकर भारत को पहला पदक दिलाया। अवनि ने इस स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन करते हुए 249.7 अंक के साथ नया ओलंपिक रिकॉर्ड बनाया और लगातार दूसरी बार स्वर्ण पदक जीते।
इसके अलावा, मोना अग्रवाल ने भी भारत के लिए एक और उपलब्धि हासिल की। उन्होंने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल SH1 स्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल पर निशाना साधा और भारत को दूसरा मेडल दिलाया। पेरिस पैरालंपिक के दूसरे दिन भारत के लिए ये उपलब्धियाँ विशेष रूप से महत्वपूर्ण रही हैं और खेलों में भारतीय दल की सफलता को दर्शाती हैं।
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मोना अग्रवाल का क्वालीफिकेशन में 623.1 का स्कोर रहा
अपने पहले पैरालंपिक में प्रतिस्पर्धा कर रही दो बार की विश्व कप स्वर्ण पदक विजेता मोना अग्रवाल ने 623.1 का स्कोर किया। अवनी तीन साल पहले टोक्यो पैरालंपिक में एसएच1 श्रेणी में स्वर्ण पदक जीतने के बाद देश की सबसे अधिक सुर्खियां बटोरने वाली पैरा खिलाड़ी बनी थीं। उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में 10 मीटर एयर राइफल में स्वर्ण और 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन में कांस्य पदक जीता था।
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ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला
22 साल की अवनि ने फाइनल में 249.7 अंक बनाए, जो एक पैरालंपिक रिकॉर्ड है। तो वहीं ब्रॉन्ज मेडलिस्ट मोना ने 228.7 अंक स्कोर किए।अवनि ने टोक्यो पैरालंपिक (2020) में भी इसी स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता था। यानी उन्होंने अपने टाइटल का बचाव किया है। लेकिन साउथ कोरिया की ली युनरी ने इस इवेंट में सिल्वर मेडल जीता।
अवनि ने टोक्यो पैरालंपिक में 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में भी कांस्य पदक जीता था। अवनि पैरालंपिक में दो गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट हैं। साथ ही वह ऐसी पहली भारतीय एथलीट हैं जिन्होंने पैरालंपिक गेम्स में बैक टू बैक गोल्ड मेडल जीते हैं।
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क्या होती है SH1 श्रेणी?
अपने पहले पैरालंपिक में प्रतिस्पर्धा कर रही दो बार की विश्व कप स्वर्ण पदक विजेता मोना ने 623.1 का स्कोर किया। अवनि तीन साल पहले टोक्यो पैरालंपिक में एसएच1 श्रेणी में स्वर्ण पदक जीतने के बाद देश की सबसे अधिक सुर्खियां बटोरने वाली पैरा खिलाड़ी बनी थीं। कार दुर्घटना में शरीर के निचले हिस्से में गंभीर चोट के बाद से अवनी व्हीलचेयर का इस्तेमाल करती हैं। निशानेबाजी में एसएच1 श्रेणी में ऐसे निशानेबाज शामिल होते हैं जिनकी बांहों, निचले धड़, पैरों की गति प्रभावित होती है या उनके हाथ या पैर में विकार होता है।