India China Relations: भारत और चीन के बीच लंबे समय से जारी सीमा विवाद अब शांत होते नजर आ रहे हैं। हाल के वर्षों में लद्दाख के वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर दोनों देशों के बीच तनाव गहराया था, लेकिन अब दोनों देशों के संबंधों में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक बड़ा ऐलान करते हुए बताया कि भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में पैट्रोलिंग फिर से शुरू करने पर सहमति बना ली है।
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सैनिकों की वापसी पर भी बनी सहमति
विदेश मंत्रालय ने बताया कि यह सहमति दोनों देशों के बीच हालिया चर्चा का परिणाम है। इसके तहत सीमा पर सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया भी तय की गई है। यह समझौता ऐसे समय पर हुआ है जब पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले हैं। इस समझौते से न केवल तनाव कम होगा, बल्कि 2020 में पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना की आक्रामकता के बाद बने तनावपूर्ण हालात भी सुलझने की उम्मीद है।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले आ सकता है नया मोड़
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले यह समझौता भारत-चीन संबंधों में सकारात्मक मोड़ का संकेत देता है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि चीन के साथ चर्चा के परिणामस्वरूप एलएसी पर पैट्रोलिंग फिर से शुरू की जाएगी। साथ ही दोनों देशों के बीच सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया भी तय की गई है, जिससे सीमा विवाद में सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
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गलवान घाटी की घटना के बाद से तनाव
जून 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन के संबंधों में गहरा तनाव उत्पन्न हो गया था। इस घटना में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक संघर्ष हुआ था, जो दशकों बाद सबसे गंभीर सैन्य टकराव था। इसके बाद से दोनों देशों के बीच लगातार बातचीत और कूटनीतिक प्रयास हो रहे थे, लेकिन जमीनी स्तर पर तनाव कम नहीं हो रहा था। हालांकि, इस हालिया समझौते के बाद हालात में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।
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PM मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात पर सस्पेंस
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अलग से मुलाकात होगी या नहीं, इस पर फिलहाल स्थिति स्पष्ट नहीं है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, चीन के विदेश मंत्रालय ने इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अगर कोई जानकारी सामने आती है, तो वे इसे सार्वजनिक करेंगे। इससे पहले चीन ने पुष्टि की थी कि शी जिनपिंग ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और इस दौरान वैश्विक दक्षिण के साथ एकजुटता के माध्यम से नए युग की शुरुआत पर चर्चा करेंगे।
सैन्य और कूटनीतिक चैनलों से चल रही चर्चा
भारत और चीन के बीच सैन्य स्तर पर और कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से लगातार बातचीत हो रही है। दोनों देशों के सैन्य कमांडर और विशेष प्रतिनिधि इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं। विदेश सचिव मिस्री ने बताया कि वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कोऑर्डिनेशन (WMCC) के माध्यम से चीनी वार्ताकारों के साथ लगातार संपर्क में हैं और विभिन्न स्तरों पर कमांडरों की बैठकें हो रही हैं, जिससे दोनों देशों के बीच विश्वास बहाल हो सके।
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समझौते से दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार की उम्मीद
भारत और चीन के बीच हुए इस ताजा समझौते से उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार होगा और सीमा विवाद के मुद्दे पर स्थिति सामान्य हो सकेगी। पैट्रोलिंग फिर से शुरू होने से दोनों देशों के बीच सैन्य गतिविधियों पर नियंत्रण रखा जा सकेगा और सीमा पर शांति बहाल की जा सकेगी। अब सबकी नजरें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन पर हैं, जहां इस समझौते का प्रभाव दिख सकता है।