भारत सरकार ने 20 जुलाई से गैर – बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, भारत सरकार के इस फैसले ने विश्व व्यापार को हिलाकर रख दिया है । यह रोक 30 नवंबर, 2023 तक जारी रहने वाली है।
Rice Bran Export Ban:भारत सरकार ने 20 जुलाई से गैर – बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, भारत सरकार के इस फैसले ने विश्व व्यापार को हिलाकर रख दिया है । यह रोक 30 नवंबर, 2023 तक जारी रहने वाली है। इसकी जानकारी शुक्रवार को डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT)द्वारा दी गयी है । चावल निर्यात पर प्रतिबंध लगाने को लेकर IMF ने भारत सरकार से अपील की थी ।
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इस वजह से लगा प्रतिबंध ?
आपको बता दें कि, भारत में बीते कुछ महीनों से दूध में जबरदस्त बढ़त दर्ज की गयी है, दूध में अचानक आयी इस बढ़त के पीछे का सबसे बड़ा कारण जानवरों को खिलायी जाने वाली भूसी की कीमतो में जबरदस्त तेजी है ।ऐसे में लगातार बढ़ते चारे की कीमत को कंट्रोल करने के लिए सरकार में तेल रहित चावल यानी गैर – बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।
दरअसल , चावल की भूसी का इस्तेमाल गाय , भैंस के चारे के अलावा मुर्गी पालन और मछली पालन के उद्योग में किया जाता है ।ऐसे में भारत सरकार ने निर्यात पर बैन लगाकर कीमतों में कमी लाने का प्रयास किया है ताकि लगातार बढ़ती दूध की कीमत पर लगाम लगाने का प्रयास किया है।
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गैर-बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर भी लगाया बैन
भारत सरकार ने गैर बासमती चावल के निर्यात पर 20 जुलाई से प्रतिबंध लगाए जाने का फैसला किया है। सरकार ने यह फैसला देश में खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
इस फैसले की खास बात है कि, सरकार ने यह रोक सिर्फ निर्यात पर लगाया है न की आयात पर ये रोक लगायी गयी है। ऐसे में संभावना है कि, आने वाले समय में अलग-अलग देश भारत सरकार से गैर-बासमती चावल के सौदे के लिए सीधा संपर्क करेंगे । आपको बता दें कि, भारत से सबसे ज्यादा निर्यात 25 फीसदी हिस्सा सफेद गैर बासमती चावल का है ।