Atul Subhash Suicide Case: पूरे देश में इस समय एआई इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस का मामला जोर-शोर से गूंज रहा है।इस दुनिया से जाते-जाते अतुल सुभाष ने देश की न्यायपालिका की कार्रवाई में होने वाली देरी को लेकर कई सवाल अपने पीछे छोड़ गए हैं अतुल सुभाष के ऊपर उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया ने 9 केस दर्ज कराए थे जिसमें उनके ऊपर दहेज उत्पीड़न का केस भी था।अतुल सुभाष और उनकी पत्नी का मामला कोर्ट में चल रहा था लेकिन कोर्ट की ओर से मिलने वाली तारीख पर तारीख को लेकर वह इस कदर परेशान हो गए कि,आखिरकार उन्होंने अपनी जीवन लीला को समाप्त कर लेना ही इन सबसे बेहतर समझा।
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अतुल सुभाष सुसाइड केस का SC ने लिया संज्ञान
बिहार के रहने वाले अतुल सुभाष ने दुनिया को अलविदा कहने से पहले एक 80 मिनट का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी और ससुराल के लोगों पर कई तरह के आरोप लगाए अपने सुसाइड नोट में अतुल ने न्याय व्यवस्था की भी आलोचना की जिसके बाद इस मामले पर अब सुप्रीमकोर्ट गंभीर होता दिखाई दे रहा है।
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गुजारा भत्ता के लिए SC ने तय किया 8 सूत्रीय फॉर्मूला
अतुल सुभाष के सुसाइड का मामला देश में इस समय प्रमुख मुद्दा बना है बीते दिन संसद परिसर में भी बीजेपी सांसद कंगना रनौत समेत कई अन्य महिला सांसदों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।इस बीच देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीमकोर्ट ने पति द्वारा पत्नी और बच्चे के लिए दिए जाने वाले गुजारा भत्ता के लिए 8 सूत्रीय फॉर्मूला तय किया है।सुप्रीमकोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पीवी वराले की पीठ ने तलाक के एक मामले पर फैसला करते हुए देशभर की सभी अदालतों को 8 सूत्रीय फॉर्मूले के आधार पर आदेश देने की सलाह दी है।
पति-पत्नी दोनों की आर्थिक स्थिति को देखने पर ध्यान
इन 8 सूत्रीय फॉर्मूले में सुप्रीमकोर्ट ने पहली शर्त रखी है….पति-पत्नी की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति,आगे भविष्य में पत्नी और बच्चे की बुनियादी जरुरतें क्या हैं?दोनों पक्षों की योग्यता और रोजगार का जरिया,ससुराल में रहते हुए पत्नी का स्तर क्या है?,इनकम और प्रॉपर्टी का साधन,परिवार की जिम्मेदारी के लिए क्या नौकरी भी छोड़ी गई?,किसी तरह का कोई काम ना करने वाली पत्नी को कानूनी लड़ाई के लिए खर्चा,पति की कमाई उसकी आर्थिक स्थिति और गुजारा भत्ता समेत उसकी दूसरी जिम्मेदारियों का भी ख्याल रखा जाए।
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“केवल जरुरतों को पूरा करने के लिए हो गुजारा भत्ता”
सुप्रीमकोर्ट ने इन 8 सूत्रीय फॉर्मूले को आधार मानकर कोई भी फैसला सुनाते हुए कोर्ट को आदेश दिया कि,स्थायी गुजारा भत्ता तय करते समय ध्यान रखा जाए यह केवल पत्नी की आर्थिक जरुरतों को पूरा करने के इरादे से बनाया जाए ना कि इसको पति की सजा के तौर पर देखा जाए।सुप्रीम कोर्ट ने कहा,गुजारा भत्ता के लिए पत्नी को इतनी रकम मिलनी चाहिए कि,वह आगे का अपना जीवन सम्मान के साथ जी सके लेकिन यह रकम इतनी नहीं हो कि पति को आर्थिक दिक्कत होने लगे।