गाज़ियाबाद संवाददाता- Praveen mishra
गाज़ियाबाद: शुक्रवार को खोड़ा नगर पालिका में बोर्ड बैठक बुलाई गई जिसका महत्वपूर्ण मुद्दा पानी की सप्लाई देना था लेकिन हैरान कर देने वाली बात है की एक तरफ़ जहा पूरा खोड़ा पानी को लेकर खोड़ा वासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं बोर्ड बैठक में जब पानी का प्रस्ताव रखा जाता है तो आधा दर्जन से ज्यादा सभासद पानी का ही विरोध करने लगते हैं, जो की हैरान और परेशान कर देने वाली बात है।
पानी दिए जाने से कुछ सभासद नाराज…
गौरतलब है की खोड़ा में गंगा जल आने में अभी कई वर्ष का समय लगेगा ऐसे में बोरवेल के जरिए पानी देने की योजना बनाई जा रही है जिसमे कुछ भी गलत नही है क्योंकी गाजियाबाद के कई पॉश इलाके ऐसे भी हैं जहां बोरवेल से ही पानी की सप्लाई दी जाती है और वहा भी आज तक गंगा जल की सप्लाई नही पहुंच पाई है तो फिर खोड़ा में बोरवेल से पानी दिए जाने से कुछ सभासद नाराज क्यों हो रहे हैं जोकी बड़ी चर्चा का विषय बना हुआ है क्या यह सभासद नही चाहते कि खोड़ा में पानी आए जो चुनाव से पहले कहते थे की खोड़ा पानी चाहिए चाहे कोई भी क्यों ना लाके दे आखिर फिर क्यों बोर्ड बैठक में हंगामा किया गया पानी को लेकर,
जनैतिक दबाओ के चलते खोड़ा में पानी नहीं…
हालाकि 19 सभासदों ने पानी के मुद्दे पर सहमती जताई जिससे पानी का प्रस्ताव पास हो गया बड़ा सवाल उठता है की अगर बोरवेल से खोड़ा को पानी दिया जायेगा तो इसमें पानी का विरोध करने वाले कुछ सभासदों को क्यों नारजगी है हालाकि बोर्ड बैठक में खोड़ा नगर पालिका अध्यक्ष मोहिनी शर्मा ने पानी का प्रस्ताव पास करवाकर साबित कर दिया की उनकी मंशा खोड़ा में पानी देने की है ना की ऐसे में अगर अब भी कोई विरोध करता है तो यह समझा जाएगा कि खोड़ा में कुछ लोग राजनैतिक दबाओ के चलते खोड़ा में पानी नहीं आने देना चाहते है।
मीडिया को इस लेटर के बारे में क्यों नहीं जानकारी दी…
वही बात करते हुए पूर्व विधायक साहिबाबाद पंडित अमरपाल शर्मा ने बताया उनके द्वारा लिखा हुआ लेटर जोकि जेई मदनपाल लिया गया था अधिशासी अधिकारी शालिनी गुप्ता को व्हाट्सएप द्वारा भेजा गया मेरे द्वारा वह भी 3 महीने पहले आखिर तक अधिशासी अधिकारी कहां सो रही थी तब उन्होंने मीडिया को इस लेटर के बारे में क्यों नहीं जानकारी दी इससे साफ जाहिर होता है कि मेरे ऊपर षड्यंत्र के तहत मेरी छवि खराब करने का काम किया जा रहा है लेटर जेई मदनपाल का लिखा हुआ है जिसमे जेई मदनपाल ने मुझे अवैध उगाही की जानकारी लिखित में दी और लेटर के ऊपर के शब्द काटकर प्रस्तुत किया गया है। जो की सही नहीं है।
वहीं जेई मदनपाल का कहना है कि उनसे जबरन यह लेटर लिखवाया गया है, आखिर क्या है पूरी सच्चाई यह तो जांच के बाद ही निकाल कर सामने आएगा।