Ashwini Vaishnaw On Budget 2024: मंगलवार यानी 23 जुलाई को लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश किया। इस बजट (Budget 2024) में नौकरियों और ग्रामीण विकास पर अधिक खर्च करने के साथ-साथ राज्यों को भी अधिक धनराशि देने का संतुलन बनाया गया है। इसके अलावा, राजकोषीय घाटे को कम करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। हालांकि, बजट में रेलवे को लेकर बहुत कम बातें की गईं। वित्त मंत्री ने 83 मिनट के अपने बजट भाषण में रेलवे का उल्लेख सिर्फ एक बार किया।
पहले और आज के व्यय में बहुत फर्क
इकोनॉमिक सर्वे 2023-24 में बताया गया है कि पिछले पांच वर्षों में रेलवे पर पूंजीगत व्यय में 77% की ही वृद्धि हुई है। इसमें नई लाइनों के निर्माण, गेज परिवर्तन और दोहरीकरण में महत्वपूर्ण निवेश शामिल है। वित्त मंत्री के अनुसार, 2019-2020 में पूंजीगत व्यय 1.48 लाख करोड़ रुपये था, जिसे 2023-24 में बढ़ाकर 2.62 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।
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रेल मंत्री का बयान
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 2014 से पहले रेलवे के पूंजीगत व्यय पर निवेश 35,000 करोड़ रुपये था, जो आज 2.62 लाख करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने इसे रिकॉर्ड पूंजीगत व्यय बताया और पीएम मोदी और वित्त मंत्री का आभार व्यक्त किया।
रेलवे के बुनियादी ढांचे में सुधार
रेल मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी ने पिछले 10 सालों में रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है। पिछले 60 सालों की तुलना में रेलवे ट्रैक और विद्युतीकरण में व्यापक सुधार हुआ है।
- 40,000 किलोमीटर रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण
- 31,000 किलोमीटर नई रेलवे ट्रैक का निर्माण
- ट्रैक निर्माण की गति प्रतिदिन 14.5 किलोमीटर
- 5,300 किलोमीटर नए ट्रैक का निर्माण
- 2023 में 98,000 करोड़ रुपये सुरक्षा पर खर्च
- इस साल सुरक्षा पर 1,08,000 करोड़ रुपये आवंटित
2014 से पहले की स्थिति
- 60 सालों में 20,000 किलोमीटर का विद्युतीकरण
- ट्रैक निर्माण की गति प्रतिदिन केवल 4 किलोमीटर
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वंदे भारत और निम्न वर्ग
जब रेल मंत्री से पूछा गया कि क्या रेलवे का ध्यान प्रमुख ट्रेनों, जैसे वंदे भारत पर है, न कि निम्न वर्गों के लिए ट्रेनों पर, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का दृष्टिकोण दोनों वर्गों को संबोधित करने का है। वंदे भारत में कई विशेषताएं हैं, जैसे कवच सुरक्षा, तेज गति, और आरामदायक बैठने की सुविधा।
एसी और नॉन एसी कोच
रेल मंत्री ने बताया कि प्रत्येक ट्रेन की मानक संरचना में एसी और नॉन एसी कोच का अनुपात 1/3 और 2/3 होता है। वर्तमान में नॉन एसी कोच की मांग बढ़ गई है, इसलिए रेल मंत्रालय 2,500 नॉन एसी कोच बनवा रहा है, जिससे कम आय और मध्यम आय वाले परिवार सस्ती कीमत पर सुरक्षित यात्रा कर सकें। इस बजट ने नौकरियों और ग्रामीण विकास को प्राथमिकता दी है, जो देश के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि, रेलवे को नजरअंदाज करना चिंता का विषय है, खासकर जब रेलवे की बुनियादी ढांचे में सुधार की जरूरत है।
वित्त मंत्री का ध्यान अधिकतर सामाजिक और आर्थिक योजनाओं पर रहा, जो स्वागत योग्य है, लेकिन रेलवे के क्षेत्र में भी संतुलन बनाने की आवश्यकता है। सरकार ने बजट में संतुलन बनाने की कोशिश की है, लेकिन रेलवे को अधिक प्राथमिकता नहीं देने से यह सवाल उठता है कि क्या यह रणनीति लंबे समय में लाभदायक साबित होगी। उम्मीद है कि अगले बजट में रेलवे को भी उचित महत्व दिया जाएगा और इसके विकास के लिए अधिक संसाधन आवंटित किए जाएंगे।
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