अलीगढ़: केंद्र ओर प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के बाद भी शहीदों का अपमान होते हुए देखा जा रहा है। सन 1857 की प्रथम स्वतंत्रता संग्राम मैं 57 क्रांतिकारियों को अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी पर लटका कर कुएं में डाल दिया था। आज भी उस कुए को फांसी वाले कुए के नाम से जाना जाता है। लेकिन शहीदों का अपमान करते हुए उस कुएं को पाटकर शटर लगाकर व्यवसायिक रूप से उपयोग किया जा रहा है। जिसका विरोध अलीगढ़ स्वर्णकार कमेटी के साथ-साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी ने भी किया है।
दरअसल मामला थाना नगर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत सराफा बाजार फूल चौराहा स्थित पुरानी कोतवाली मोड़ पर प्याऊ का है। जहां 1857 की प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारियों को फांसी पर लटका कर कुएं में फेंक दिया था। जिसको फांसी वाले कुए के नाम से जाना जाता है। समय के साथ साथ इस कुएं को नजरअंदाज कर पाटकर व्यवसायिक रूप से उपयोग में लाया जा रहा है।
जो कि शहीदों की शहादत को अपमानित करते हुए देखा जा रहा है। लगातार इसका विरोध अलीगढ़ स्वर्णकार कमेटी के अध्यक्ष रवि वर्मा ने पिछले दिनों जिला अधिकारी के नाम प्रार्थना पत्र देकर किया था। लेकिन प्रशासन के द्वारा इस बात को गंभीरता से नहीं लिया और कुए को पाटकर दुकान निर्माण कराने वाली कमेटी ने आनन-फानन में शटर लगा कर उस जगह पर दुकान का निर्माण करा दिया।
जैसे ही इस बात की सूचना रवि वर्मा ने कांग्रेस नेता आगा यूनुस से की तो उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला अधिकारी को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कमेटी की ओर से शहीदों के अपमान और कुए पर पक्का निर्माण कराने के विरोध में अलीगढ़ जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है। अब देखना यह होगा कि क्या प्रशासन और शासन के द्वारा इस जगह को ए,एस,आई को सौंपकर अवैध निर्माण को हटवा कर शहीद स्मारक बनाया जाएगा या नहीं।