रायबरेली संवाददाता- बलवंत सिंह
रायबरेली: जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश की सरकार सरकारी जमीनों को अवमुक्त कराने भूमाफिया के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने के लिए कटिबद्ध है। तो वहीं डलमऊ तहसील प्रशासन की मिलीभगत से भूमाफियाओं के हौसले इतने बुलंद है की सरकारी जमीन को ही कब्जा कर सरकार के निर्देशों को ठेंगा दिखा रहे हैं।
जमीनो, कब्रिस्तानों पर अवैध कब्जा…
भू माफियाओं के इस कारनामे के आगे तहसील प्रशासन के अधिकारी भी चुप्पी साध कर बैठे हैं। नतीजा तहसील प्रशासन बंजर भूमि पर अवैध कब्जा रोकने के मामले में फिसड्डी साबित हो रहा है। प्रदेश के मुखिया महंत योगी आदित्यनाथ अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है कि किसी भी हाल मे बंजर जमीनो, कब्रिस्तानों पर अवैध कब्जा करने से रोका जाए। अगर भू माफिया प्रशासन के विरुद्ध कार्य करे तो उनसे सख्ती से निपटा जाए। लेकिन डलमऊ तहसील में इसके विपरीत कार्य चल रहा है। तहसील परिसर के अधिकारी सीएम के आदेश को ही ठेंगा दिखा रहे हैं।
सामुदायिक शौचालय में आने-जाने के लिए दबंग…
मामला डलमऊ तहसील क्षेत्र के भवानीपुर गांव ग्राम पंचायत का है जहां पर गाटा संख्या 42का जहां क्षेत्रीय लेखपाल एवं ग्राम प्रधान की मिली भगत से अवैध निर्माण कार्य कर दिया गया। वहीं उक्त ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना सामुदायिक शौचालय जिसमे महत्वपूर्ण है। उस सामुदायिक शौचालय में आने-जाने के लिए दबंग भूमाफियाओं द्वारा रास्ते पर भी अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया। करीब एक दर्जन से अधिक मकान का गाटा संख्या 42 पर अवैध निर्माण कार्य कर दिया गया जो पूर्ण रूप से सरकारी एवं बंजर जमीन है।
क्षेत्रीय लेखपाल का कहना भी नहीं मानते…
वही इस मामले में जब छेत्रीय लेखपाल से जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि हमने मना किया था।निर्माण मत करो लेकिन मेरा कहना नहीं माने। अब सवाल ग्रामीणों के जहन में गूंज रहा है कि दबंग भू माफिया इतनी पावरफुल है कि क्षेत्रीय लेखपाल का कहना भी नहीं मानते आखिर क्यों जब छेत्री लेखपाल का कहना नहीं माने तो क्षेत्रीय लेखपाल ने उच्च अधिकारियों को क्यों नहीं अवगत कराया अब कहीं ना कहीं देखा जाए तो भ्रष्टाचार में संलिप्त क्षेत्रीय लेखपाल एवं ग्राम प्रधान की भूमिका अहम नजर आ रही है। क्या इन किरदारों के ऊपर जिला प्रशासन कार्रवाई करेगा।