Armed Forces: केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि साल 2018 में 10,940 जवानों ने, 2019 में 10,323, 2020 में 7,690, 2021 में 12,003 और 12,380 जवानों ने नौकरी छोड़ दी। उन्होंने यह जानकारी कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर के लिखित सवाल के जवाब में दी।
बीते पांच सालों (2018 से 2022 तक) में 53, 336 सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPF) के जवानों ने नौकरी छोड़ दी है। इसमें 47,000 सैनिकों ने अपनी मर्जी से रिटायरमेंट लिया है। वहीं, 6,336 जवानों ने इस्तीफा दिया है। इसके अलावा 658 CAPF जवानों ने आत्महत्या कर ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में इसकी जानकारी दी।
कांग्रेस सांसद ने लोकसभा में मांगा था जवाब
कांग्रेस के सांसद मणिकम टैगोर ने लोकसभा में अर्ध्दसैनिक बलों के काम के हालत और नौकरी छोड़ने को लेकर सवाल पूंछा था। उन्होंने कहा पूंछा था कि क्या यह सही है कि बीते 5 सालों में अर्ध्दसैनिक बलों के 50 हजार से ज्यादा जवानों ने नौकरी छोड़ दी है। इसके साथ ही उन्होनें ने सेना के जवानों द्वारा आत्महत्या की घटनाओं की जानकारी मांगी थी। जिसके बाद केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने सांसद के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि बीते 5 सालों मे अर्द्धसैनिक बलों के 53, 336 जवानों ने सर्विस छोड़ दी या फिर अपनी मर्जी से रिटायरमेंट ले लिया है। इसके अलावा कुछ जवानों ने आत्महत्या कर लिया है।
सरकार ने जारी किया पिछलें 5 साल के आंकडे़
कांग्रेस के सांसद मनिकम टैगोर ने एक प्रश्न किया था। केंन्द्रीय राज गृह मंत्री नित्यानंद राय ने कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर के सवाल का जवाब देते हुए उनके आंकडें साझा किया है। नित्यानंद राय ने बताया कि 2018 से लेकर 2022 के बींच सीमा सुरक्षा बल (BSF) के सबसे ज्यादा 23,553 जवानों ने नौकरी छोड़ चुके है। इनमें से 21,692 जवानों ने रिटायरमेंट लिया है। और 1861 जवानों ने इस्तीफा दे दिया था।
इसके अलावा केंन्द्रीय पुलिस बल (CRPF) के 13,640 जवानों ने नौकरी छोड़ दी है। जिसमें से 13,027 जवानों ने अपनी मर्जी से रिटायरमेंट लिया है , और 613 ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। असम राइफल्स से 5,393 जवानों ने सर्विस छोड़ दी। 5,313 जवानों ने रिटायरमेंट लिया और 80 जवानों ने इस्तीफा दे दिया। वहीं केंन्द्रीय आद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के 5,151 जवानों ने नौकरी छोड़ी। CISF के 2,868 जवानों ने रिटायरमेंट लिया और 2,283 ने इस्तीफा दे दिया।
आंकड़ों के मुताबिक, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) से 3,165 जवानों ने नौकरी छोड़ दी। इनमें से 2,354 ने मर्जी से रिटारयरमेंट लिया। जिनमें से 811 जवानों ने सर्विस से इस्तीफा दे दिया। जबकि सशस्त्र सीमा बल (SSB) के 2,434 जवानों ने सेवा छोड़ दी। इनमें 1,746 ने मर्जी से रिटायरमेंट लिया और 688 ने इस्तीफा दे दिया।
read more: 2 अगस्त को मनाते है, ये विशेष दिवस…
सुरक्षा बलों के आत्महत्या के आंकड़े
केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय के जवाब के अनुसार बीते 5 साल में सुरक्षा बलों के 658 जवानों ने आत्महत्या कर लिया था। इनमें 2018 में 96 जवानों ने आत्महत्या की थी। जिनमें से केंन्द्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) 36 जवान , बीएसएफ (BSF) के 32 जवान , आईटीबीपी (ITBP) के 5 जवान , एसएसबी (SSB) के 9 जवान , सीआईएसएफ (CISF) के 9 जवान और असम राइफल्स के 5 जवानों ने आत्महत्या कर ली है।
इसके साथ ही साल 2019 , 2020 , 2021 और 2022 में भी यह आंकड़ा क्रमशः 129 , 142 ,155 , 136 रहा है। इसके साथ ही सरकार ने बताया कि अर्द्धसैनिक बलों के काम के माहौल को बेहतर बनाने और उनके कल्याण के लिए सरकार द्वारा लगातार कदम उठाए जा रहे हैं।
सरकार जवानों की पोस्टिंग और छुट्टी मे देगी सुविधा
केंन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि स्थिति को देखते हुए सरकार ने सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स और असम राइफल्स के जवानों को पोस्टिंग और छुट्टी की प्रक्रिया को पारदर्शी किया गया है। जवानों को जोखिम भरे क्षेत्र में पोस्टिंग के बाद उन्हें मनपसंद पोस्टिंग देने पर भी विचार किया जाता है। इसके साथ ही जवानों को अवकाश देने के लिए पारदर्शी दी गई है। जवानों को ड्यूटी के दौरान चोट लगने की वजह से अस्पताल में भर्ती होने पर उनको ड्यूटी पर ही माना जाता है।