New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया के नियमों में बदलाव को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है। उच्चतम न्यायालय ने यह स्पष्ट किया है कि एक बार भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद, भर्ती के नियमों में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय एक पाँच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष सुनाया, जिसमें मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ समेत अन्य न्यायमूर्ति शामिल थे।
भर्ती प्रक्रिया के दौरान नियमों में नहीं हो सकता बदलाव
इस मामले में कोर्ट ने कहा कि सरकारी नौकरी की भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत होते ही उस प्रक्रिया के तहत निर्धारित किए गए नियमों को बदला नहीं जा सकता, जब तक कि ऐसा कोई पूर्व निर्धारित प्रावधान न हो। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि भर्ती के दौरान चयन प्रक्रिया को लेकर पहले से तय किया गया कोई नियम है, जिसमें बदलाव की बात की गई है, तो ऐसा बदलाव किया जा सकता है, लेकिन यह बदलाव संविधान के अनुच्छेद 14 के अनुरूप, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से ही होना चाहिए।
नौकरी पाने के लिए उम्मीदवारों को नहीं किया जा सकता परेशान
सुप्रीम कोर्ट ने भर्ती प्रक्रियाओं को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए रखने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। न्यायालय का कहना था कि सार्वजनिक क्षेत्र की भर्ती प्रक्रिया में उम्मीदवारों को किसी भी तरह से भ्रमित या परेशान नहीं किया जा सकता। यदि प्रक्रिया के बीच में नियमों में बदलाव होते हैं, तो यह चयन में असमानता पैदा कर सकता है, जो कि संविधान के समानता के अधिकार के खिलाफ होगा।
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क्या था विवाद?
यह मामला राजस्थान हाई कोर्ट में एक भर्ती प्रक्रिया से जुड़ा था, जिसमें 2009 में नियुक्तियों के लिए एक लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के बाद कुछ उम्मीदवारों को 75% क्वालीफाइंग नंबरों के आधार पर चयनित करने का नया नियम बना दिया गया था। इस नए नियम के कारण कई अभ्यर्थी नौकरी पाने से वंचित रह गए थे। उम्मीदवारों का कहना था कि भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियमों में बदलाव नहीं किए जा सकते।
कोर्ट ने दी स्पष्ट राय
इस मामले में, कोर्ट ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से पहले नियुक्ति के नियम तय कर दिए जाते हैं। अगर भर्ती विज्ञापन जारी हो गया है, तो यह माना जाता है कि प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, और इसके बाद नियमों में कोई बदलाव नहीं हो सकता। पांच न्यायाधीशों की पीठ ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि यदि प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियमों में बदलाव किए जाते हैं, तो यह उम्मीदवारों के साथ अन्याय होगा और चयन में असमानता का कारण भी बनेगा। न्यायालय ने इस फैसले में यह भी कहा कि यदि भर्ती के लिए पहले से नियम तय नहीं किए गए हैं, तो नियोक्ता उन्हें तय कर सकता है, लेकिन यह बदलाव भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही किया जाना चाहिए।
सरकारी नौकरियों पर पड़ेगा फैसले का असर
इस फैसले का असर सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया पर पड़ेगा, क्योंकि अब भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर सवाल खड़ा नहीं हो सकेगा। यह निर्णय नौकरी के उम्मीदवारों को यह विश्वास दिलाएगा कि एक बार प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद उन्हें किसी अप्रत्याशित बदलाव का सामना नहीं करना पड़ेगा। वहीं, यह सरकारी निकायों के लिए एक चेतावनी भी है कि वे भर्ती प्रक्रिया में बदलाव करते समय संविधान और न्यायिक मानदंडों का पालन करें। इस फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया कि जब तक भर्ती प्रक्रिया शुरू न हो, तब तक नियमों में बदलाव संभव है, लेकिन एक बार प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता, ताकि उम्मीदवारों को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो।