One Nation One Election: संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत होने से पहले और एनडीए सरकार के कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के बाद देश में इन दिनों वन नेशन वन इलेक्शन की चर्चा चल रही है।पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कमेटी ने वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर तैयार रिपोर्ट केंद्रीय कैबिनेट के सामने प्रस्तुत की जिसे केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दूसरे कार्यकाल 2019-24 से ही देश में वन नेशन वन इलेक्शन की बात कहते आए हैं भारतीय जनता पार्टी का मत है कि,इससे देश में बार-बार चुनावों में होने वाले खर्च में कमी आएगी तो वहीं विपक्ष का दावा है कि,इससे संघीय ढांचे को नुकसान होगा।
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सरकार के सामने कितनी बड़ी चुनौती ‘वन नेशन वन इलेक्शन’?
भारतीय जनता पार्टी के सामने वन नेशन वन इलेक्शन को देश में लागू करना एक बड़ी चुनौती है क्योंकि इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है पार्टी अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर सरकार बना पाई है इसलिए इस बीच एक देश एक चुनाव को लेकर चर्चा इस बात की भी हो रही है कि,पीएम मोदी क्या अपने अन्य सहयोगी दलों को वन नेशन वन इलेक्शन के लिए राजी कर पाने में सफल होंगे यह एक बड़ा सवाल है?
नीतीश कुमार ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को दिया अपना समर्थन
आपको बता दें कि,भाजपा ने 2024 में चुनावी नतीजों के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायजू के नेतृत्व वाली टीडीपी के साथ मिलकर केंद्र में सरकार बनाई है।वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर नीतीश कुमार ने इससे पहले भी अपना समर्थन दिया है नीतीश कुमार शुरु से ही वन नेशन वन इलेक्शन की नीति के समर्थक रहे हैं।
पूर्व राष्ट्रपति को जेडीयू ने सौंपा था ज्ञापन
जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने देश में लागू होने से पहले वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर कहा कि,केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली समिति की सिफारिशों को स्वीकार लिया है यह अच्छी बात है जेडीयू शुरु से इसकी समर्थक रही है इससे पहले फरवरी में जेडीयू ने खुद वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक ज्ञापन सौंपा था।
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एक देश क चुनाव पर सरकार के साथ खड़ी जेडीयू
संजय झा ने बताया 2018 में विधि आयोग ने चुनाव सुधारों को लेकर जब राजनीतिक दलों से राय मांगी थी तब भी नीतीश कुमार ने एक देश एक चुनाव का समर्थन किया था।विधि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में वन नेशन वन इलेक्शन की सिफारिश की थी और इसी रिपोर्ट पर पूर्व राष्ट्रपति के नेतृत्व वाली समिति विचार कर रही थी जिस पर केंद्रीय कैबिनेट से अब मंजूरी मिल गई है देश में एकसाथ चुनाव होने के कई फायदे हैं और इसके समर्थन में जेडीयू हमेशा सरकार के साथ खड़ी है।
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