अक्सर चीजों को रख कर भूल जाना बहुत एक आम सी बात हो गयी है, वैसे तो ये किसी को भी हो सकती है। आपके रोजमर्रा कामों में दिक्कतें आ सकती है।दरअसल, हमारी भागदौड़ भरी जिंदगी में हमारी याददाश्त पर बुरा असर पड़ता है। खराब Lifestyle और Unhealthy खान-पान की वजह से कम उम्र के लोगो में भी याददाश्त कमजोर होने की समस्या होने लगती हैं, मगर परेशान होने की जरूत नहीं है, क्युकी हम आपको बताने से जा रहे है कुछ ऐसे हेल्दी फूड् के बारे में जिसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, हमारे दिमाग को हेल्दी रखने और याददाश्त को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
Read More:अगर आपको भी बदलते मौसम के कारण हो गया सर्दी-जुकाम? तो बिना दवा के मिलेगा आराम
डिमेंशिया का खतरा
अल्जाइमर रोग मस्तिष्क से संबंधित विकार है जिसमें धीरे-धीरे सोचने और समझने की क्षमता कम होने लगती है। अल्जाइमर रोग के कारण डिमेंशिया होने का खतरा भी ज्यादा रहता है जिसकी वजह से जटिलताएं और भी अधिक गंभीर हो सकती हैं।विशेषज्ञों के अनुसार, एक ऐसा तरीका जिसकी मदद से याददाश्त को बेहतर बनाए रखने में मदद मिल सकती है। इतना ही नहीं इसकी मदद से अल्जाइमर रोग और डिमेंशिया होने के जोखिमों को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है।

Read More:हाइपरटेंशन के लिए AIIMS ने की एक नई खोज, क्या है Drug Combinations की खासियत…
डिमेंशिया का खतरा 35 फीसदी
बता दे, शोधकर्ताओं के अध्ययन में पाया गया कि, एरोबिक व्यायाम करने से डिमेंशिया का खतरा 35 फीसदी तक कम हो सकता है।जिससे दिल और सांसों की सेहत को बेहतर करने के लिए किए जाने वाले रनिंग-साइकिलिंग जैसे Practice की मदद से न सिर्फ आप आपनी स्मृति क्षमता को ठीक रख सकते हैं बल्कि डिमेंशिया का खतरा भी कम किया जा सकता है।
फिटनेस का सही रहना है बेहद जरूरी
एक अध्ययन में पाया गया है कि, 39 से 70 वर्ष के 61,000 से अधिक लोग शामिल है। बता दे, इन लोगों को अध्ययन के पहले डिमेंशिया नहीं था। इस अध्ययन की शुरुआत में साल 2009-2010 में प्रतिभागियों को उनकी फिटनेस स्तर के आधार पर तीन भागों में बांटा गया। जहा प्रतिभागियों ने कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस का स्तर मापने के लिए 6 मिनट का साइक्लिंग टेस्ट दिया। डिमेंशिया विकसित होने के लिए बौद्धिक कामों और आनुवंशिक स्कोर का भी अनुमान लगाया गया। अगले 12 साल में 553 लोगों में डिमेंशिया विकसित हुआ।

Read More:क्या अब टमाटर से बनेगी शराब? किसानों की होगी मौज, सरकार तैयार कर रही प्लान
शोधकर्ता क्या कहते है ?
कार्डियोरेस्पिरेटरी या एरोबिक फिटनेस एक माप है। इसमें शारीरिक गतिविधि या व्यायाम के वक्त मांसपेशियों और अंगों तक ऑक्सीजन कितनी अच्छी तरह से पहुंचती है, जिससे इसको मापा जाता है। उम्र के साथ जैसे-जैसे मांसपेशियां कमजोर होती जाती हैं,और श्वसन तंत्र की क्षमता कम होती जाती है। शोधकर्ताओं के अनुसार, जिन लोगों की कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस बेहतर थी, उनकी याददाश्त और सोचने की क्षमता बेहतर थी और डिमेंशिया का खतरा कम था।