भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपनी सेहत पर ध्यान नहीं दे पाते, जिसके कारण मानसिक और शारीरिक बीमारियों, जैसे कि माइग्रेन, का सामना करना पड़ता है। योग को अपनाकर लोग अपने घर में ही अपनी सेहत का ख्याल रख सकते हैं और माइग्रेन जैसी समस्याओं से राहत पा सकते हैं।
माइग्रेन एक ऐसा सिरदर्द है जो आम सिरदर्द से अधिक तीव्र और दर्दनाक होता है। विशेषज्ञ बताते है कि…दर्द सिर के एक हिस्से में होता है और कभी धीमा, कभी तेज़, और कभी-कभी घंटों से लेकर कई दिनों तक बना रहता है। इस दर्द के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे तनाव, रक्त संचार में परिवर्तन, तंत्रिका मार्ग और रसायनों में बदलाव, नींद की कमी, और मौसम का परिवर्तन।
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सर्दियों में दर्द
योग, विशेष रूप से कुछ आसनों और प्राणायाम, माइग्रेन के दर्द को कम करने में सहायक हो सकते हैं। कुछ ऐसे योग अभ्यास हैं जो माइग्रेन के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं
प्राणायाम : प्राणायाम, विशेष रूप से अनुलोम-विलोम और भ्रामरी प्राणायाम, माइग्रेन के दर्द को कम करने में मददगार होते हैं। ये श्वास नियंत्रण तकनीकें शरीर और मस्तिष्क को शांत करती हैं, जिससे तनाव कम होता है और रक्त संचार में सुधार होता है।
सर्वांगासन: इस आसन से रक्त संचार में सुधार होता है और मस्तिष्क तक ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है, जिससे माइग्रेन के दर्द में राहत मिल सकती है।
विपरीतकरणी : यह आसन मस्तिष्क को शांति देता है और रक्त संचार को बेहतर करता है, जिससे सिरदर्द की तीव्रता कम हो सकती है।
सुखासन: ध्यान और श्वास पर फोकस करने के लिए यह आसन उपयोगी होता है। यह मानसिक शांति लाता है और माइग्रेन के दर्द को कम करने में सहायक हो सकता है।
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ध्यान : माइग्रेन के दर्द के दौरान मानसिक शांति की आवश्यकता होती है। ध्यान से मस्तिष्क को आराम मिलता है, और दर्द की तीव्रता कम हो सकती है।
हलासन : यह आसन मस्तिष्क के रक्त संचार को बढ़ाता है और मांसपेशियों को आराम देता है, जिससे माइग्रेन के लक्षणों में राहत मिल सकती है।
शारीरिक तनाव होगा कम
योग के माध्यम से मानसिक और शारीरिक तनाव को कम किया जा सकता है, और माइग्रेन जैसी समस्याओं को कंट्रोल किया जा सकता है। यह न केवल दर्द को कम करने में सहायक होता है, बल्कि समग्र रूप से शरीर और मन को संतुलित भी करता है।आपने माइग्रेन के इलाज और नियंत्रण के लिए योगासन के लाभों का सही उल्लेख किया है। योग, विशेष रूप से कुछ आसनों के माध्यम से, माइग्रेन के दर्द को नियंत्रित करने और मानसिक स्थिति को शांत करने में मदद कर सकता है।
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पश्चिमोत्तानासन: यह आसन तनाव को कम करने और मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए लाभकारी है। जब शरीर लम्बा और ढीला होता है, तो यह न केवल गर्दन और पीठ के तनाव को कम करता है, बल्कि सिरदर्द और माइग्रेन के लिए भी राहत प्रदान करता है।
सेतुबंध आसन: यह आसन शरीर के रक्तचाप को संतुलित करता है, जिससे मस्तिष्क को अधिक रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है। इससे माइग्रेन के दर्द में कमी आ सकती है। साथ ही, यह मानसिक तनाव और चिंता को भी कम करने में सहायक है, जो अक्सर माइग्रेन के हमलों के कारण हो सकते हैं।
अधोमुख श्वानासन: इस आसन में सिर नीचे की ओर रहता है, जिससे मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह बढ़ता है। यह रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाता है और माइग्रेन के दर्द में राहत पहुंचाता है।