Pollution in Delhi NCR : दीपावली देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। वहीं भारत में दिवाली एक ऐसा त्योहार है जिसमें रंगों से सजी रंगोली है, जगमग रोशनी के लिए लाइटें और झालर हैं तो वहीं जश्न के लिए पटाखे और पराली जलाया जाता है।जिस वजह से वायु प्रदूषण के मामले अधिक बढ़ जाते है। जिस वजह से पुरे देश को माहौल खराब हो जाता है।
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बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण (Pollution in Delhi NCR) और पराली जलाने के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट न केवल पंजाब सरकार को फटकार लगाई, बल्कि प्रदूषण और पराली की समस्या से निपटने के लिए सभी पक्षों को दिवाली से पहले बैठक करने का भी अल्टीमेटम दे दिया है।
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जस्टिस ने कहा कि..
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट आज काफी सख्त नजर आया। और प्रदूषण पराली पर दिल्ली सरकार और पंजाब सरकार की दलीलों से नाराज ने सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की। जस्टिस ने कहा कि अगर मैं बुलडोजर चलाऊंगा तो अगले 15 दिनों तक नहीं रुकूंगा। और हम चाहते हैं कि दिवाली की छुट्टियों से पहले सभी पक्ष मिलकर एक बैठक करें। हम इस समस्या का तत्काल समाधान चाहते हैं।
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पंजाब सरकार ने कहा कि..
बता दें कि पराली जलाए जाने की घटना और प्रदूषण पर पंजाब सरकार ने कहा कि वह पराली जलाने की घटना को कम करने पर काम कर रहे हैं, वहीं दिल्ली सरकार ने भी ऐसा ही जवाब दिया था कि वह प्रदूषण कम करने पर काम कर रही है। इसी दलील से नाराज होकर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल ने बुलडोजर वाली टिप्पणी की। हालांकि, इस दौरान वह मुस्कुराते हुए भी नजर आए।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा..
दिल्ली के लोग स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं साल दर साल इस समयावधि में प्रदूषण की समस्या से और इससे तत्काल निपटने की जरूरत है। फसल के लिए वैकल्पिक व्यवस्था मुहैया करायी जानी चाहिए। ताकि किसान पराली नहीं जलाए।आगे सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि पंजाब में धान की फसल को फेज वाइज बाहर किया जाए।
केंद्र सरकार इसमें वैकल्पिक फसल के लिए मदद करे। और इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि दिल्ली के सीएम ने कहा है कि एक सॉल्यूशन विकसित किया गया है, जिसके छिडकाव से पराली खाद में बदल जाती है। फिर पंजाब सरकार ने इसका उपयोग क्यों नहीं किया।