Benjamin Netanyahu News: अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (benjamin netanyahu), पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट (yoav gallant) और हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद जईफ (Commander Mohammed Zaeef) के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। न्यायालय ने इन तीनों को गाजा युद्ध के दौरान कथित युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए जिम्मेदार ठहराया है। प्री-ट्रायल चैंबर ने इजरायल द्वारा अदालत के अधिकार क्षेत्र को चुनौती देने वाले दावों को खारिज कर दिया। बयान में कहा गया कि इन वारंट्स का उद्देश्य उन अपराधों की जिम्मेदारी तय करना है, जो इजरायल और हमास के बीच जारी संघर्ष के दौरान हुए हैं।
गाजा को भुखमरी की ओर ले जाने का लगा आरोप
आईसीसी ने कहा कि न्यायालय के पास यह मानने के पर्याप्त आधार हैं कि बेंजामिन नेतन्याहू और योआव गैलेंट ने गाजा को भुखमरी की स्थिति में धकेलने का प्रयास किया। यह निर्णय युद्ध के दौरान मानवीय संकट को देखते हुए लिया गया है। हालांकि, इजरायल और हमास दोनों ने इन आरोपों को खारिज किया है। मोहम्मद जईफ पर भी वारंट जारी किया गया है, लेकिन उनकी स्थिति पर अभी स्पष्टता नहीं है। इजरायली सेना का दावा है कि जईफ जुलाई में गाजा में एक हवाई हमले में मारे गए थे। हालांकि, हमास ने इस दावे की पुष्टि नहीं की है।
रिपोर्ट के अनुसार, ICC ने इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू और रक्षा मंत्री पर यह आरोप लगाया कि उन्होंने इजराइली सेना को जानबूझकर फिलिस्तीनी नागरिकों को मारने का आदेश दिया और गाजा में अंतरराष्ट्रीय मानवीय सहायता की पहुंच को रोकने का निर्देश दिया, जिसके परिणामस्वरूप वहां भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हुई। कोर्ट की जांच में यह पाया गया कि इजराइली प्रधानमंत्री ने युद्ध के बहाने फिलिस्तीनी नागरिकों की हत्याएं करवाईं और गाजा को पूरी तरह से नष्ट करने का आदेश दिया। ICC के जजों ने इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए उनके खिलाफ वारंट जारी करने का निर्णय लिया।
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सीजफायर प्रस्ताव पर अमेरिका ने लगाया चौथा वीटो
गाजा में जारी संघर्ष को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पेश किए गए सीजफायर प्रस्ताव को अमेरिका ने चौथी बार वीटो कर दिया। प्रस्ताव में गाजा में तुरंत और बिना शर्त युद्धविराम की मांग की गई थी। साथ ही, सभी बंधकों की रिहाई का आह्वान किया गया था। सुरक्षा परिषद के 15 में से 14 सदस्य प्रस्ताव के पक्ष में थे। बावजूद इसके, अमेरिका ने वीटो का उपयोग कर इसे रोक दिया। अमेरिकी प्रशासन ने सीजफायर पर असहमति जाहिर करते हुए अपने फैसले को “राष्ट्रीय सुरक्षा हितों” के तहत सही ठहराया।
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इजरायल और हमास दोनों ने खारिज किए आरोप
इजरायल और हमास दोनों ने आईसीसी के आरोपों को खारिज करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया। इजरायल ने आईसीसी के अधिकार क्षेत्र को मान्यता देने से इनकार किया है। वहीं, हमास ने मोहम्मद जईफ के खिलाफ आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं की है। गाजा में जारी संघर्ष और मानवता पर संकट के बीच आईसीसी का यह कदम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा कदम माना जा रहा है। वहीं, अमेरिका का वीटो विवाद को और गहरा सकता है। यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह मामला किस दिशा में बढ़ता है।