Mayawati: बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने राजनीति से रिटायरमेंट की अफवाहों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उनके रिटायरमेंट का सवाल ही नहीं उठता है. उन्होंने कहा, “मैं अंतिम सांस तक बहुजन मिशन के लिए काम करती रहूंगी.” मायावती ने इन खबरों को जातिवादी मीडिया द्वारा फैलाए गए साजिश का हिस्सा बताया और कहा कि इस तरह की अफवाहें बहुजन आंदोलन को कमजोर करने की मंशा से फैलाई जाती हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके उत्तराधिकारी के रूप में आकाश आनंद को जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो उनकी अनुपस्थिति या खराब स्वास्थ्य में पार्टी का नेतृत्व करेंगे.
राष्ट्रपति बनने की अफवाहों का भी किया खंडन
मायावती (Mayawati) ने पहले भी राष्ट्रपति बनने की अफवाहों को खारिज किया था. उन्होंने कहा कि ऐसी अफवाहें उनके राजनीतिक आंदोलन को कमजोर करने की साजिश के तहत फैलाई गई थीं. उन्होंने यह भी याद दिलाया कि डॉ. कांशीराम को भी राष्ट्रपति बनने का प्रस्ताव मिला था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था. मायावती ने कहा, “जब मेरे गुरु कांशीराम जी ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था, तो उनके शिष्य के रूप में मेरे इस तरह के ऑफर स्वीकार करने का सवाल ही नहीं उठता।”
गेस्ट हाउस कांड को लेकर कांग्रेस पर हमला
मायावती (Mayawati) ने गेस्ट हाउस कांड का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर तीखा हमला किया है. उन्होंने कहा कि 2 जून 1995 को जब बसपा ने सपा से समर्थन वापस लिया, तब सपा ने उन पर जानलेवा हमला कराया था. मायावती ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उस समय केंद्र में रही कांग्रेस सरकार ने समय पर अपना दायित्व नहीं निभाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीयत उस समय खराब हो चुकी थी और वह उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश रच रही थी। मायावती ने दावा किया कि उस समय कांशीराम जी ने कांग्रेस के गृह मंत्री को हड़काया था और विपक्ष ने संसद को घेरकर कांग्रेस सरकार को हरकत में लाया.
बसपा समर्थकों को कांग्रेस से सावधान रहने की अपील
मायावती (Mayawati) ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बसपा समर्थकों को उससे सावधान रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बार-बार बसपा के खिलाफ षड्यंत्र रचती रही है और बसपा समर्थकों को कांग्रेस की इस नीति से सचेत रहना चाहिए। मायावती ने कहा, “बसपा समर्थक कांग्रेस से सचेत रहें क्योंकि कांग्रेस की मंशा बसपा के खिलाफ रही है और वह बार-बार षड्यंत्र करती रही है.”
जातीय जनगणना के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा को घेरा
मायावती (Mayawati) ने जातीय जनगणना के मुद्दे पर भी कांग्रेस और भाजपा को घेरा. उन्होंने कहा कि बसपा वर्षों से जातीय जनगणना की पक्षधर रही है और इसके लिए केंद्र में कांग्रेस और भाजपा पर दबाव बनाती रही है. मायावती ने सवाल उठाया कि जातीय जनगणना के बाद क्या कांग्रेस एससी-एसटी और ओबीसी वर्गों का वाजिब हक दिला पाएगी. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस एससी-एसटी आरक्षण में वर्गीकरण और क्रीमीलेयर के मुद्दे पर अभी भी चुप्पी साधे हुए है.
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राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक और आगे की योजनाएं
बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक मंगलवार को लखनऊ में पार्टी के प्रदेश कार्यालय में होने वाली है. इस बैठक में मायावती (Mayawati) को फिर से पार्टी की कमान सौंपी जाएगी. साथ ही, राजनीतिक प्रस्ताव भी पेश किया जाएगा. मायावती इस बैठक में पार्टी के देशभर के पदाधिकारियों को संबोधित करेंगी और राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और यूपी के उपचुनाव को लेकर अहम दिशा-निर्देश देंगी.
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