UP BJP EX MLA Sangeet Som Viral: उत्तर प्रदेश के सरधना से पूर्व बीजेपी विधायक संगीत सोम (Sangeet Som) एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। हाल ही में उनका एक और वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह यह स्वीकार कर रहे हैं कि वायरल ऑडियो में उनकी ही आवाज है और उन्होंने एक अधिकारी को धमकाया था। इस बयान के बाद से सियासी हलकों में हलचल तेज हो गई है।
वायरल ऑडियो में हुआ धमकी का खुलासा
संगीत सोम ने गन्ना समिति के चुनाव के दौरान कोऑपरेटिव एआर दीपक थरेजा को फोन पर धमकाया था, जिसका ऑडियो वायरल हो गया था। ऑडियो में सोम ने कहा था कि चुनाव में कोई गड़बड़ी की तो वह अधिकारी का “दिमाग ठीक कर देंगे”। उन्होंने धमकी देते हुए कहा, “मुझे तीसरी आंख न खोलनी पड़े। मैं जितना समझा रहा हूं, उतना ही समझ लो, नहीं तो दफ्तर उठवा कर ले आऊंगा।” इस धमकी भरे ऑडियो को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और बीजेपी पर निशाना साधा।
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“जरूरत पड़ी तो पब्लिक से पिटवाऊंगा”-संगीत सोम
मुरादाबाद में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के एक कार्यक्रम में बोलते हुए संगीत सोम ने यह स्वीकार किया कि वायरल ऑडियो में उनकी ही आवाज है। उन्होंने कहा, “मैंने ही अधिकारी को धमकाया है, और अभी तो कम धमकाया है। अगर अधिकारी सही से काम नहीं करेंगे, तो उन्हें पब्लिक के जूतों से पिटवाऊंगा।” यह बयान आते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है, और विरोधी दलों ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला है।
गन्ना समिति चुनाव में गड़बड़ी का आरोप
मेरठ जिले में चल रहे गन्ना विकास समिति के चुनाव के दौरान संगीत सोम के करीबियों के नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए थे। इससे नाराज होकर उन्होंने कोऑपरेटिव एआर दीपक थरेजा को धमकाया था। यह पहला मौका नहीं है जब संगीत सोम ने विवादित बयान दिया हो। 2022 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद से वह लगातार विवादों में बने हुए हैं।
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2022 में हार के बाद से विवादों में घिरे संगीत सोम
संगीत सोम 2012 और 2017 में सरधना से बीजेपी के विधायक चुने गए थे, लेकिन 2022 के चुनाव में उन्हें समाजवादी पार्टी के अतुल प्रधान से हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद से संगीत सोम लगातार विवादों में रहे हैं। कभी अधिकारियों को धमकाते हुए तो कभी अपनी ही पार्टी के नेताओं से जुबानी जंग करते हुए नजर आए हैं। 2022 के चुनाव में जाट समुदाय ने सरधना में संगीत सोम का समर्थन नहीं किया, जिससे उनकी हार हुई।
ठाकुर और जाट राजनीति में उलझे संगीत सोम और संजीव बालियान
संगीत सोम और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के बीच सियासी टकराव भी चर्चा का विषय बना हुआ है। दोनों नेताओं का राजनीतिक सफर लगभग एक ही समय शुरू हुआ था। 2012 में संगीत सोम सरधना से विधायक बने, जबकि 2014 में संजीव बालियान मुजफ्फरनगर से सांसद चुने गए। दोनों पर मुजफ्फरनगर दंगों के आरोप भी लगे थे और हिंदुत्व के चेहरे के रूप में उभरे थे।
हालांकि, संजीव बालियान जहां केंद्रीय मंत्री बने, वहीं संगीत सोम विधायक तक ही सीमित रह गए। 2022 के चुनाव में हार के बाद से सोम और बालियान के बीच मतभेद और बढ़ गए। संगीत सोम (Sangeet Som) का मानना है कि उनकी हार के पीछे जाट समुदाय का समर्थन न मिलना है, जिसके लिए उन्होंने संजीव बालियान (Sanjeev Balyan) को जिम्मेदार ठहराया।
ठाकुर राजनीति में स्थापित होने की कोशिश
संगीत सोम ने 2022 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद ठाकुर समुदाय के नेता के रूप में अपनी पहचान बनाने की कोशिश तेज कर दी है। हाल ही में मुरादाबाद में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि क्षत्रिय समाज का इतिहास बदलने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि आजादी के बाद से ही क्षत्रिय समाज का इतिहास मिटाने की कोशिश की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि भगवान राम को भी जब आतताइयों से लड़ने की जरूरत पड़ी, तो वे एक क्षत्रिय मां के गर्भ से जन्मे थे।
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क्षत्रिय समाज के सम्मान की करी वकालत
मूंढापांडे के भीतखेड़ा गांव में आयोजित क्षत्रिय स्वाभिमान एवं चिंतन समारोह में संगीत सोम ने नशा और दहेज के खिलाफ बोलते हुए कहा कि इन बुराइयों को समाज से जड़ से उखाड़ फेंकना चाहिए। उन्होंने फिजूलखर्ची के खिलाफ भी अपील की और कहा कि समाज के गरीब लोगों की मदद करना ही असली सेवा है। इस दौरान उन्होंने सीआरपीएफ डीएसपी शरद चौहान और अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों को सम्मानित भी किया। संगीत सोम का हालिया बयान और लगातार विवादों में बने रहना उनकी राजनीतिक स्थिति को लेकर कई सवाल खड़े करता है। बीजेपी के भीतर भी उनकी स्थिति कमजोर होती दिख रही है, जबकि वह ठाकुर समाज के नेता के रूप में अपनी पहचान बनाने की कोशिश में जुटे हैं।