Anil Vij: हरियाणा के पूर्व गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज (Anil Vij) का दर्द एक बार फिर सार्वजनिक रूप से जाहिर हुआ है. एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए अनिल विज ने कहा कि वे अपनी भावनाओं को छुपा नहीं पाते. उन्होंने स्वीकार किया कि उनके वर्कर कई बार उनकी बातों से नाराज हो जाते हैं, लेकिन वे दिल की बात ही बोलते हैं. उनके अनुसार, लोग दिमाग से सोचते हैं कि क्या कहना चाहिए और क्या नहीं, जबकि वे जो महसूस करते हैं, वही कहते हैं. अनिल विज ने कहा कि वे अपने आप को आइना मानते हैं, जो भी सामने आता है, वे उसे वैसा ही दिखाते हैं जैसा वह है.
अनिल विज ने की पीएम मोदी की प्रशंसा
बताते चले कि एक कार्यक्रम में अनिल विज (Anil Vij) ने पीएम नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की और कहा कि मोदी ने भारत का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त किया, सेनाओं का मनोबल बढ़ाया और पाकिस्तानी सेनाओं को विभिन्न मोर्चों पर सबक सिखाया. इसके अलावा, राम मंदिर का निर्माण भी किया गया, जिसके लिए वर्षों से संघर्ष चल रहा था. वे भी इस संघर्ष के साक्षी रहे हैं और आंदोलन के दौरान दो बार जेल भी गए थे.
बीजेपी और जेजेपी गठबंधन के टूटने से नाराजगी
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि हरियाणा में बीजेपी और जेजेपी के गठबंधन के टूटने के बाद, पार्टी ने अनिल विज (Anil Vij) को बिना सूचित किए ही मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया था. विधायक दल की बैठक में अनिल विज (Anil Vij) की नाराजगी की वजह से उन्होंने बैठक छोड़ दी थी. इसके बाद, नायब सिंह सैनी के शपथ ग्रहण समारोह में भी अनिल विज शामिल नहीं हुए. इसके अलावा, नायब सिंह सैनी के कैबिनेट में भी अनिल विज को स्थान नहीं मिला है. मनोहर लाल खट्टर और नायब सिंह सैनी ने अनिल विज से उनके घर जाकर मिलने की कोशिश की, लेकिन उनकी नाराजगी अब तक कम नहीं हुई है.
हरियाणा में राजनीतिक उथल-पुथल का दिन
12 मार्च को हरियाणा में राजनीतिक उथल-पुथल का दिन रहा. दिनभर कई महत्वपूर्ण सियासी बदलाव हुए बीजेपी और जेजेपी का साढ़े चार साल पुराना गठबंधन टूट गया. मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया, और नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) ने सीएम पद की शपथ ली. इस बीच अनिल विज (Anil Vij) का नाम चर्चा में रहा, जो अक्सर अपने बयानों के कारण सुर्खियों में रहते हैं. पार्टी में हुए बदलाव से वे असंतुष्ट नजर आए और उन्होंने पार्टी के कार्यक्रमों से दूरी बना ली, अपने घर लौट गए. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि परिस्थितियां बदलती रहती हैं, लेकिन वे बीजेपी के लिए हमेशा काम करते रहेंगे और आगे भी करेंगे.
अनिल विज का सियासी सफर
अनिल विज का जन्म 15 मार्च 1953 को हुआ था. कॉलेज में पढ़ाई के दौरान वे एबीवीपी (ABVP) से जुड़े और 1970 में महासचिव बने. 1990 में उप-चुनाव जीतकर विधायक बने और बाद में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर 1996 और 2000 में भी चुनाव जीते. 2009 में बीजेपी की टिकट पर अंबाला कैंट (Ambala Cantt) से चुनाव जीतकर विधायक बने और 2014 तथा 2019 में भी जीत हासिल की. 2019 में वे गृह मंत्री बने. 2014 में वे सीएम की दौड़ में शामिल थे, लेकिन मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) को चुना गया. मंत्रियों की शपथ ग्रहण सूची में उनका नाम था, लेकिन वे शामिल नहीं हुए, जैसा कि पूर्व सीएम खट्टर ने बताया.
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