New Parliament: आज, भारत के नए संसद भवन में PM मोदी ने उच्च सदन राज्यसभा में अपने संबोधन में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने G-20 सम्मेलन, महिला आरक्षण विधेयक, और महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रति सरकार के प्रयासों का जिक्र किया। जिसके बाद उन्होंने विशेष रूप से महिला आरक्षण विधेयक को महत्वपूर्ण बताया और इसे समाज के साथ मिलकर एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में दर्ज किया।
साथ ही उन्होंने बेटियों के लिए सैनिक स्कूलों के दरवाजे खोलने का भी जिक्र किया और महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए कई योजनाओं का समर्थन करते हैं। उन्होंने तीन तलाक के खिलाफ भी कदम उठाने की बात की और सभी सांसदों के साथ काम करने की अपील की।
Read more: हरदोई मे एक ही रात में तीन जगह चोरी की वारदात, CCTV में कैद हुई घटना
वे नई संसद भवन से संदेश देना चाहते
PM मोदी ने आज कहा कि वे नई संसद भवन से संदेश देना चाहते हैं कि भारत ने आजादी के 100 साल पूरे करते समय एक नई शताब्दी की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि नई संसद में भारत अपनी टॉप तीन इकोनॉमीज़ में पहुँचेगा और तकनीक के तौर पर भी सुधार करेगा। जिससे सांसदों को डिजिटल दुनिया में बेहतर काम करने में मदद मिलेगी।
60 श्रमिकों की डिजिटल बुक तैयार
आपको बता दे कि नए संसद भवन में जुटे 6 श्रमिकों के बारे में एक डिजिटल बुक तैयार की गई हैं। इस बुक में उनकी पर्सनल डिटेल्स, नाम, स्थानों का उल्लेख, और तस्वीरें शामिल हैं। PM नरेंद्र मोदी ने इस डिजिटल आर्काइव को महत्वपूर्ण मानकर उनके योगदान की सराहना की है। साथ ही वे इस परियोजना में शामिल सभी श्रमिकों को उनकी भूमिका और प्रयास में भागीदारी के प्रमाण पत्र भी देने के निर्देश दिए हैं।
PM मोदी ने एक महत्वपूर्ण निर्देश दिया
रविवार को साइट के निर्माण कार्य के निरीक्षण के बाद, प्रधानमंत्री ने एक महत्वपूर्ण निर्देश दिया है। जिसके बाद उन्होंने कहा कि सभी श्रमिकों को उनकी भूमिका और प्रयास में भागीदारी के प्रमाण पत्र देना चाहिए। सात ही उन्होंने परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए भी स्पष्ट निर्देश दिए और साइट पर श्रमिकों के साथ संवाद किया। उन्होंने इस काम को एक ‘पवित्र और ऐतिहासिक कार्य’ के रूप में माना है।
जाने किसने किया नए संसद भवन का आर्किटेक्ट
आपको बता दे कि नई संसद भवन की बिल्डिंग का डिज़ाइन आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने किया है। जो गुजरात के अहमदाबाद से हैं। उन्होंने पहले भी कई मशहूर इमारतों का डिज़ाइन किया है और उन्हें आर्किटेक्चर, अर्बन डिज़ाइन और अर्बन प्लानिंग के काम में 35 साल से जुड़े हैं।
2019 में पद्मश्री से सम्मानित हुए
उनका जन्म 31 अगस्त 1961 को गुजरात में हुआ था और वे अहमदाबाद स्थित CEPT यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट भी हैं। उन्हें अपने अर्बन प्लानिंग और आर्किटेक्चर के काम के लिए 2019 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
1995 में उन्होंने पीएचडी की डिग्री प्राप्त की
इसके अलावा, पटेल अहमदाबाद सेंट जेवियर हाई स्कूल से पढ़ाई की है और फिर सेंटर फॉर एन्वायर्मेंट प्लानिंग एंड टेक्नोलॉजी के स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर से आर्किटेक्ट की पढ़ाई की। 1984 में CEPT से अपनी पहली प्रोफेशनल डिग्री हासिल करने के बाद, पटेल बर्कले चले गए। जहां उन्होंने कॉलेज ऑफ एन्वायर्मेंटल डिज़ाइन से अपनी पढ़ाई की। 1995 में उन्होंने पीएचडी की डिग्री प्राप्त की।