Jayaprakash Narayan Jayanti: भारत के सबसे लोकप्रिय नेता जयप्रकाश नारायण जिन्हें लोकनायक के नाम से जाना जाता हैं। आज इनकी जयंती हैं। इनका जन्म 11 अक्टूबर 1902 में बिहार के सिताब दियार में हुआ था। जयप्रकाश नारायण एक सिद्धांतवादी, समाजवादी और राजनीतिक नेता थे, साथ ही 1970 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए इन्हें सबसे ज्यादा याद किया जाता हैं। बात दें कि आजादी के लड़ाई में इन्होनें पंडित जवाहर लाल का बेहद साथ दिए।
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स्वतंत्रता आंदोलन के प्रति झुकाव
भारत के समाजवादी और राजनीतिक नेता का जीवन बहुत संघर्ष मय था। जब यह 9 वर्ष के थे, तब यह अपने गांव को छोड़कर आगे की पढ़ाई को पूरा करने लिए पटना आए थे। समय बीतने के बाद जयप्रकाश नारायण 1920 में 18 वर्ष की उम्र में 14 साल की लड़की से विवाह कर लिए थे। आपकी जानकारी के लिए बात दें कि जयप्रकाश नरायण को पहले से ही स्वतंत्रता आंदोलन के प्रति ज्यादा झुकाव था। उन्हें देश के हित में काम करना बहुत पंसद था। नरायण जी रोलेक्ट एक्ट के खिलाफ असहयोग आंदोलन से प्रभावित होकर कॉलेज की पढ़ाई को बीच में ही छोड़ दिया।
जाति-प्रथा
जयप्रकाश नारायण भारत से जाति-भेद भाव को मिटाने के लिए1974 में कई आंदोलन किए थे, और उस समय उनके साथ लगभग 10 हजार के अधिक लोग ने यह मान लिया कि वे जाति-प्रथा को नहीं मानेंगे। वही जयप्रकाश भारत को न्याय दिलाने के लिए कई सामाजिक व्यवस्था को लाने का संघर्ष किया। आज के समय में भी उनके कुछ विचार देश की सामाजिक, आर्थित, राजनीतिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक समस्याओं के समाधान के लिए चर्चा में बनी हुई हैं।
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नहीं थी सत्ता की मोह
लोकनायक नेता कहे जाने वाले को किसी भी सत्ता को मोह नहीं था क्योंकि उन्हें एक बार राष्ट्रपति की ओर से प्रधानमंत्री बनने का प्रस्ताव मिला था,लेकिन नरायण मे इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किए।5 जून 1974 को बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में जय प्रकाश नारायण ने संपूर्ण क्रांति का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ”संपूर्ण क्रांति से मेरा मतलब यह है कि समाज में सबसे अधिक उत्पीड़ित लोग सत्ता के शिखर पर पहुंचें।” इस दौरान गांधी मैदान में नारे गूंज उठे, ‘जाति व्यवस्था तोड़ो, तिलक दहेज छोड़ो, आओ समाज को नयी दिशा दी।