तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई जिले में आज ऐतिहासिक कदम उठाया गया। 100 साल के बाद दतियों को मंदिर परिवार में प्रवेश किया तो उन्हें पुलिस की टीम ने उन्हें सुरक्षा प्रदान कर रखा था।
Tamil nadu News: तमिलनाडु में तिरुवन्नामलाई जिले के चेल्लनकुप्पम गांव में पहली बार दलित परिवारों को 100 साल बाद मंदिर में एंट्री मिली है। मंदिर में प्रवेश के बाद दलित परिवारों का आत्मविश्वास बढ़ा है और वे काफी खुश दिख रहे हैं। इस दौरान दलितों की सुरक्षा का खास ख्याल रखा गया, जिसके लिए भारी मात्रा में पुलिस बल को तैनात किया गया था। मंदिर में दर्शन के लिए एंट्री पाने के बाद दलितों का आत्मविश्वास बढ़ा है, जिसके बाद उनका मानना है कि सालों की लड़ाई के बाद भगवान के घर में प्रवेश से वे काफी खुश हैं।
पुलिस ने दिलाई मंदिर में एंट्री…
इस लड़ाई के बाद दलितों ने जिला लेवल पर अधिकारियों के पास याचिका दायर की और मंदिर में एंट्री के लिए अपील की। दलितों ने ऐलान किया कि वो बुधवार को मंदिर में प्रवेश करेंगे। जिसके बाद वेल्लोर रेंज के डीआईजी की अगुवाई में भारी संख्या में पुलिस बल गांव में पहुंच गया। इसके बाद दलितों ने मंदिर में प्रवेश किया। रिपोर्ट के मुताबिक 50 साल की दलित महिला का कहना है, कि ये मान्यता है कि नवविवाहित जोड़े मंदिर में पूजा करते हैं और पोंगल पकाते हैं। इससे उनकी सभी मुरादें पूरी होती हैं। लेकिन हम लोगों को कभी अंदर जाने ही नहीं दिया गया। हमें खुशी है कि अधिकारियों ने मंदिर में एंट्री करने, पूजा करने में हमारी मदद की।
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दो युवाओं की लड़ाई से छिड़ा मुद्दा…
पुलिस ने कहा कि दूसरे समुदाय के लोगों ने अब तक कोई विरोध दर्ज नहीं कराया है। गांव में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। मंदिर में प्रवेश को लेकर आंदोलन जुलाई में दो युवाओं के बीच झड़प से शुरू हुआ था, जिसके चलते दलितों और वन्नियारों के बीच झड़प देखने को मिली थी। दरअसल दोनों युवा, जिसमें कि एक दलित और एक वन्नियार थे, एक ही स्कूल में पढ़े और फिर नौकरी के लिए चेन्नै चले गए। उन्होंने सबसे पहले सोशल मीडिया पर दलितों के मंदिर में प्रवेश के अधिकार को लेकर बहस की और जब वे गांव में मिले तो दोनों के बीच जमकर मारपीट हो गई।
आपको बता दें कि दलित अब तक 30 साल पहले गांव में बनाए गए कलियाम्मल मंदिर में पूजा-अर्चना कर रहे थे। इस साल जनवरी में दलितों ने पुलिस सुरक्षा के साथ पहली बार जिले के थंडरमपट्ट गांव में एक अन्य मंदिर में प्रवेश किया था। जून में पड़ोस के विल्लुपुरम जिले के प्रशासन ने मेलपाची गांव में श्री द्रौपदी अम्मन मंदिर को सील कर दिया था क्योंकि बनियारों द्वारा दलितों को मंदिर में प्रवेश से इनकार करने के बाद तनाव बढ़ गया था।