Delhi News: दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने जेलों में कैदियों की अप्राकृतिक मौतों पर उनके परिजनों को 7.5 लाख रुपये मुआवजा देने की योजना को मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव को उपराज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है और एलजी वीके सक्सेना (LG VK Saxsena) की स्वीकृति मिलने के बाद यह नीति लागू होगी। जेल में रह रहे कैदियों की सुरक्षा और उनके मानवाधिकारों की रक्षा को सुरक्षित रखने के लिए दिल्ली सरकार ने यह अहम फैसला लिया है।
मुआवजा किस परिस्थितियों में मिलेगा?
दिल्ली सरकार के गृह मंत्री कैलाश गहलोत ने इस महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा की है। नए प्रस्ताव के अनुसार, जेल में कैदियों के बीच झगड़े, जेल कर्मचारियों द्वारा पिटाई, यातना, लापरवाही या चिकित्सा में चूक के कारण कैदी की मृत्यु पर मुआवजा दिया जाएगा। हालांकि, आत्महत्या, जेल से भागने के प्रयास में मृत्यु, प्राकृतिक मृत्यु, और आपदा से हुई मौतों के मामलों में मुआवजा लागू नहीं होगा।
मुआवजे के प्रावधान का उद्देश्य
यह मुआवजा योजना जेल प्रशासन को जवाबदेह बनाने के उद्देश्य से लागू की गई है। जेल प्रशासन की जिम्मेदारी होती है कि वे अपने हिरासत में मौजूद कैदियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। हालांकि, अतीत में कई बार कैदी पर हमलों की घटनाएं सामने आई हैं, जहां सुरक्षाकर्मी अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहे। इस योजना के तहत, मुआवजा पाने वाले परिजनों को न केवल वित्तीय सहायता मिलेगी, बल्कि दोषी जेल कर्मचारियों के वेतन से भी मुआवजे की राशि की वसूली की जाएगी।
क्या है पॉलिसी की कार्यविधि और प्रक्रियाएँ
जेल में कैदी की मृत्यु की स्थिति में, संबंधित जेल अधीक्षक को एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इस रिपोर्ट में मैजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, मृत्यु का कारण, जेल में कैदी की मेडिकल हिस्ट्री और उपचार का विवरण शामिल होगा। यह रिपोर्ट एनएचआरसी को भेजी जाएगी, जहां जेल महानिदेशक की अध्यक्षता में एक समिति इसकी समीक्षा करेगी। समिति मुआवजा जारी करने के संबंध में निर्णय लेगी और दोषी अधिकारियों के वेतन से राशि की वसूली का आदेश भी दे सकती है।
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सुरक्षा और मानवाधिकार को ध्यान में रखकर उठाया यह कदम
गृह मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि यह पहल जेल प्रणाली के भीतर न्याय और जवाबदेही सुनिश्चित करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने इसे मानवाधिकारों के स्तंभों को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया। यह नई नीति जेलों में सुधार और लापरवाही में कमी लाने के लिए महत्वपूर्ण है। इस नीति के लागू होने के बाद, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जेल प्रशासन और उसके कर्मचारियों के कर्तव्यों का पालन किया जाए और किसी भी तरह की लापरवाही को रोका जाए। यह कदम जेलों में मानवाधिकारों की सुरक्षा और न्यायपूर्ण व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। दिल्ली सरकार की यह पहल जेल प्रणाली में आवश्यक सुधारों को सुनिश्चित करने और कैदियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।