Sensex Opening Bell: हिंडनबर्ग (Hindenburg) रिसर्च की ताजा रिपोर्ट के बाद भारतीय शेयर बाजार में आज मामूली गिरावट देखी गई है। सोमवार को सप्ताह के पहले दिन घरेलू शेयर बाजार गिरावट के साथ खुले हैं। बीएसई सेंसेक्स 375.79 अंकों की गिरावट के साथ 79,330.12 अंकों पर खुला। जबकि एनएसई का निफ्टी 50 भी 47.45 अंकों की गिरावट के साथ 24,320.05 अंकों पर खुला।भारतीय उद्योगपति गौतम अडाणी की कंपनियों को लेकर हिंडनबर्ग रिसर्च की ताजा रिपोर्ट आने के बाद निवेशकों को डर था कि, सोमवार को बाजार भारी गिरावट के साथ खुलेंगे लेकिन पिछले सप्ताह की तेजी के मुकाबले इस सप्ताह के पहले दिन शेयर बाजार में मामूली गिरावट देखी गई जिसको लेकर शेयर मार्केट एक्सपर्ट का भी कहना है इससे निवेशकों को घबराने की जरुरत नहीं है।
शेयर बाजार में दिखी मामूली गिरावट
आपको बता दें कि, अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग ने एक बार फिर अडाणी ग्रुप से जुड़ी कंपनियों को लेकर नया खुलासा किया है। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया कि, सेबी की चेयरपर्सन माधवी बुच और उनके पति के पास कथित अडाणी फंड हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी। रिपोर्ट के मुताबिक सेबी ने अडाणी के मॉरीशस और ऑफशोर शेल संस्थाओं के कथित अघोषित जाल में रुचि नहीं दिखाई है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने दावा किया है इन फंडों का इस्तेमाल अडाणी ग्रुप फंड की हेराफेरी करने और ग्रुप के शेयरों की कीमत बढ़ाने के लिए किया गया था।
विपक्ष ने फिर की जेपीसी की मांग
वहीं हिंडनबर्ग रिसर्च की एक बार फिर अडाणी ग्रुप को लेकर आई ताजा रिपोर्ट के बाद लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गौतम अडाणी पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने सेबी की अध्यक्ष के खिलाफ आरोपों पर जांच की मांग की है। राहुल गांधी ने कहा सेबी अध्यक्ष के ऊपर लगे आरोपों की वजह से भारतीय मार्केट रेगुलेटर की विश्वसनियता प्रभावित हुई है.उन्होंने एक बार फिर इस पर सरकार से जेपीसी की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट कर लिखा है,सुप्रीम कोर्ट के सामने सेबी ने अडाणी को हिंडनबर्ग के जनवरी 2023 वाले मामले में क्लीन चिट दे दी लेकिन अब सेबी प्रमुख पर ही एक-दूसरे को फायदा पहुंचाने के आरोप सामने आए हैं।
BJP ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और विपक्ष के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि, पिछले 10 वर्षों में भारत की विकास की रफ्तार बहुत तेजी आगे बढ़ी है…दुनिया के कुछ लोग या देश के कुछ लोग जो भारत के विकास को रोकना चाहते हैं, वे ऐसी रिपोर्ट प्रकाशित कराते हैं…ये बेबुनियाद आरोप है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने आरोपों के जवाब में कहा कि, देश की वित्तीय प्रणाली को अस्थिर करने की साजिश की जा रही है। ये एक साजिश है और कुछ ताकतें भारत की अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने और हमारे रेगुलेटर, शेयर बाजारों और वित्तीय प्रणाली को बदनाम करने के लिए मिलकर काम कर रही हैं।